NTPC and transport mafia’s game: crores of rupees looted every month due to overloading

– ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने उठाई कार्रवाई की मांग, प्रशासन को दी चेतावनी
– ओवरलोडिंग से खस्ताहाल सड़कें, बढ़ रहे हादसे और बिगड़ रहा ग्रामीण स्वास्थ्य
बिलासपुर। एनटीपीसी सीपत में राखड़ परिवहन के नाम पर हर महीने करोड़ों का घोटाला हो रहा है। ट्रांसपोर्ट माफिया और एनटीपीसी अधिकारियों की मिलीभगत से नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए 600 से अधिक ट्रक ओवरलोड चल रहे हैं। ट्रक चालकों को ओवरलोडिंग के नाम पर मुनाफा दिया जा रहा है, जबकि राज्य सरकार को भारी राजस्व हानि हो रही है। इस गोरखधंधे के खिलाफ क्षेत्रीय ट्रांसपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
मंगलवार को प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष शत्रुहन लास्कर ने खुलासा किया कि एनटीपीसी के लिए राखड़ परिवहन का ठेका लेने वाली कंपनियां ओवरलोडिंग में शामिल हैं। ट्रकों में तय सीमा 55 टन की जगह 80 टन तक राखड़ भरा जा रहा है। इसके लिए ट्रकों की बॉडी में अवैध तरीके से अतिरिक्त ऊंचाई जोड़ दी गई है। यही नहीं, ओवरलोड ट्रकों का फर्जी बिल एनटीपीसी को भेजकर भुगतान लिया जा रहा है।
प्रबंधन और आरटीओ की मिलीभगत..
लास्कर का कहना है कि एनटीपीसी प्रबंधन के अधिकारियों की मिलीभगत से यह भ्रष्टाचार फल-फूल रहा है। तमाम शिकायतों और साक्ष्यों के बावजूद ट्रांसपोर्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। आरटीओ भी इस खेल में हिस्सेदार है। हर ओवरलोड ट्रक से प्रति माह 20 हजार रुपये की उगाही की जा रही है।
सड़कों और पुलों पर पड़ रहा असर..
ओवरलोडिंग से क्षेत्र की सड़कें खस्ताहाल हो चुकी हैं। गतौरा-जयरामनगर पुल का टूटना इसी लापरवाही का नतीजा है। सड़कें गड्ढों में तब्दील हो रही हैं और उड़ती धूल से राहगीर परेशान हैं। हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य समस्याओं और खराब बुनियादी ढांचे को लेकर नाराजगी जाहिर की है।
उग्र आंदोलन की चेतावनी..
एसोसिएशन के अनुसार, प्रशासन ने अब तक ओवरलोडिंग रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। सोमवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के बाद संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। आंदोलन को स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों का समर्थन मिल रहा है।

