Chhoti Diwali 2024: Special worship of Yamraj and Hanuman ji on Narak Chaturdashi, know the importance of this day

बिलासपुर :- दिवाली के पांच दिवसीय पर्व का प्रारंभ धनतेरस से होता है, और इसके अगले ही दिन नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस वर्ष दिवाली की तारीखों को लेकर कुछ भ्रम बना हुआ है, लेकिन पंडितों के अनुसार धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर को है, और इसके अगले दिन यानी 30 अक्टूबर को छोटी दिवाली मनाई जा रही है। इस दिन को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, और इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन यमराज का पूजन करने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है और नरक जाने से बचाव होता है। इसलिए इस दिन यमराज का पूजन विशेष रूप से शुभ माना गया है। इस दिन लोग सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं, जिसे ‘अभ्यंग स्नान’ कहा जाता है, और यमराज से दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं। इस स्नान का महत्व इतना अधिक है कि इसे पापों का नाश करने वाला और आत्मा को शुद्ध करने वाला माना गया है।
इस दिन को छोटी दिवाली इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह मुख्य दिवाली से ठीक एक दिन पहले आती है और यह त्योहार की खुशियों की शुरुआत का संकेत देती है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा भी की जाती है, जो रूप-सौंदर्य और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक माने जाते हैं। इसके अलावा, कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। राम भक्त हनुमान जी का जन्म इसी दिन अंजनी माता के गर्भ से हुआ था, इस कारण से इसे हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और संकटों का निवारण होता है।
अतः छोटी दिवाली केवल दीपोत्सव का एक हिस्सा नहीं, बल्कि इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण दिन माना गया है।

