Illegal collection shop opened in SDO office of Forest Department: TP issued by taking ₹1000, collection in the name of NOC of mines..
बिलासपुर / वन विभाग के अंतर्गत आने वाले एसडीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार की दुकान खुले होने की जानकारी मिली है, जहां आईएफएस (IFS)ट्रेनी अधिकारी के ऑफिस में टीपी (ट्रांसपोर्ट परमिट) जारी करने के लिए ₹1000 की अवैध वसूली की जा रही है। टीपी उन वाहनों के लिए जारी की जाती है, जो लकड़ी का परिवहन करते हैं। इस काम की जिम्मेदारी एसडीओ कार्यालय की होती है, लेकिन आरोप हैं कि बिना किसी उचित निरीक्षण या मुआयना किए ही टीपी जारी कर दी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, टीपी जारी करने के लिए तय शर्तों को दरकिनार करते हुए ₹1000 प्रति परमिट का लेन-देन हो रहा है। साथ ही, इसी वर्ष माह मार्च से पत्थर खदानों एवं रेत खदानो से जुड़े मामलों में भी वन विभाग द्वारा एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के नाम पर अवैध उगाही की जा रही है। एनओसी जारी करने के लिए वन विभाग के कुछ अधिकारी 20,000 से 60,000 रुपये तक की रिश्वत ले रहे हैं। यह प्रक्रिया बिना किसी विधिवत जांच-पड़ताल के पूरी की जा रही है, जिससे वन क्षेत्र के नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि एनओसी और टीपी जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए नियमित कर्मचारियों की बजाय डेली वेजेस पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियुक्त किया जा रहा है। इन अस्थायी कर्मचारियों से अवैध काम करवाकर, उन्हें रिश्वत के लेन-देन का हिस्सा बनाया जा रहा है, जो पूरी व्यवस्था की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है।
वन विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं, जबकि आम जनता और पर्यावरणविदों ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है। जानकारों का मानना है कि यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो इससे वन संपदा और प्राकृतिक संसाधनों को गंभीर नुकसान हो सकता है।
वन विभाग से जुड़े इस मामले में प्रशासनिक कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। और एक अधिकारी के इस तरह के कृत्य से विभाग में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं अब देखने वाली बात यह होगी कि विभाग इस पर क्या एक्शन लेता है।

