बिलासपुर। जिला अध्यक्ष यूथ विंग, राकेश लोनिया ने विधानसभा चुनावों के बाद अपनी पार्टी छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया था । इस फैसले के पीछे उन्होंने नेतृत्व में कमी का हवाला दिया था। लेकिन हाल ही में, लोनिया ने फिर से पार्टी ज्वाइन कर ली है, जिससे पार्टी के सुधि कार्यकर्ताओं में काफी असंतोष और नाराजगी देखने को मिल रही है।

कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत करने वाले समर्पित लोगों को नजरअंदाज कर ऐसे दागी लोगों को वापस लाया जा रहा है, जो पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं। उनका मानना है कि पार्टी का यह कदम उन लोगों की मेहनत और समर्पण का अपमान है, जिन्होंने बिना किसी स्वार्थ के पार्टी के लिए काम किया है।
एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हमने पार्टी के लिए अपनी जान लगा दी, दिन-रात एक कर दिए। लेकिन अब ऐसे लोग जो अपनी स्वार्थ के कारण पार्टी छोड़ चुके थे, उन्हें वापस लाकर वही पद दिया जा रहा है। इससे हमारा मनोबल गिरा है और हम सोचने पर मजबूर हैं कि क्या हमारे समर्पण का कोई मूल्य नहीं है?”
राकेश लोनिया के वापस आने के बाद पार्टी के अंदर नेतृत्व संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो पार्टी में विश्वास की कमी और असंतोष बढ़ता जाएगा, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान हो सकता है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अब देखना यह है कि पार्टी नेतृत्व इस समस्या का समाधान कैसे करता है और कार्यकर्ताओं के मन में उठ रहे सवालों का जवाब कैसे देता है।
पहले सोशल मीडिया पर पद लिखकर किया वायरल कार्यकर्ताओ के विरोध के बाद हटाया
दल बदल करने वाले नेता नहीं पहले अपनी फेसबुक पोस्ट पर अपना पुराना पद लिख कर वायरल किया लेकिन जैसे ही बात का पता पार्टी के पदाधिकारियो को चला विरोध के बाद तत्काल पोस्ट को डिलीट करना पड़ा।

