बिलासपुर / प्रमोशन मामले में शिक्षकों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने पदोन्नत पद पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं. मुंगेली जिले के शासकीय पूर्व के माध्यमिक शाला निरजाम में शिक्षक रएलबी के पद पर पदस्थ कशिवानी भट्ट के साथ ही ने बिरतिला तिर्की और अंजू शुक्ला के पदोन्नति आदेश को संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर द्वारा निरस्त कर दिया गया था.. इसके खिलाफ अधिवक्ता के माध्यम से दायर याचिका की गई थी..याचिका में कहा गया कि, शिवानी भट्ट की नियुक्ति वर्ष 2008 में सहायक शिक्षक के पद पर हुई थी वर्ष 2018 में इनका संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग में हो गया..
याचिकाकर्ता शिवानी भट्ट की पदोन्नति 15 मई 2023 को सहायक शिक्षक एलबी से शिक्षक एलबी के पद पर हुई, उन्हें प्रमोशन के बाद विकासखंड सारंगढ़ जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ में पदस्थ किया गया था.. जिसे बाद में संशोधित करते हुए पूर्व माध्यमिक शाला निरजाम, जिला- मुंगेली किया गया.. पदोन्नति संशोधित शाला में कार्यभार ग्रहण करने के बाद संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर द्वारा 31 जनवरी 2024 को शिवानी भट्ट की पदोन्नति आदेश को निरस्त कर दिया गया, आदेश में यह कहा गया कि, स्नातक उपाधि बीएचएससी गृह विज्ञान, विज्ञान विषय में सम्मिलित नहीं है.. जिसके कारण याचिकाकर्ता पदोन्नति हेतु पात्र नहीं है.. इसलिए शिवानी भट्ट की शिक्षक एलबी के पद पर पदोन्नति निरस्त की जाती है और उनको पूर्ववत सहायक शिक्षक के पद पर प्राथमिक शाला गुरु घासीदास विकासखंड बिल्हा, जिला- बिलासपुर में पदस्थ किया जाता है.. मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल के कोर्ट में हुई.. याचिका में कहा गया कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2019 के तहत पदोन्नति/सीधी भर्ती सेटअप में स्वीकृत विषयावर पदों पर होगी जैसे नियम में संशोधन किया गया है, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्वयं विषय बाध्यता को समाप्त किया जा चुका है.. साथ ही याचिकाकर्ता शिवानी भट्ट के स्थान पर किसी और की पदस्थापना नहीं हुई है..उपरोक्त आधारों पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पदोन्नत पद शिक्षक एलबी के पद पर शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला निरजाम जिला मुंगेली में कार्य करने के निर्देश दिया है.. साथ ही 3 महीने में मामले के निराकरण का आदेश दिया है..

