
9 people have died so far due to poisonous liquor, relatives have demanded compensation..

बिलासपुर : कोनी थाना क्षेत्र के लोफंदी गांव में हुई घटना ने पूरे इलाके को हिला दिया है। जहरीली महुआ शराब पीने से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 4 गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। प्रशासन ने मौतों का कारण जहरीली शराब नहीं, बल्कि फूड पॉइजनिंग, सर्पदंश और कार्डियक अरेस्ट बताया है, लेकिन परिजन इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार..
शनिवार को सिम्स अस्पताल में भर्ती पवन कश्यप की रविवार सुबह मौत के बाद जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 9 हो गई है। डॉक्टरों ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कार्डियक अरेस्ट को मौत का कारण बताया है, लेकिन परिजनों का आरोप है कि यह जहरीली शराब का असर है। बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही सच सामने आएगा।
चुनावी दौर में शराब की आसान उपलब्धता..
परिजनों ने आरोप लगाया कि चुनावी दौर में शराब की आसान उपलब्धता ने इस त्रासदी को जन्म दिया है। उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस की जांच पर सवाल उठाए हैं और मुआवजे की मांग की है। साथ ही, मामले को दबाए जाने की स्थिति में चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है।
गांव में मातम का माहौल..
ग्रामीणों के मुताबिक, बुधवार को पहले एक व्यक्ति की मौत हुई, फिर दो और लोगों ने दम तोड़ा। शुक्रवार की रात एक साथ चार लोगों की मौत ने गांव में मातम का माहौल पैदा कर दिया। अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें देव कुमार पटेल, शत्रुहन देवांगन, कन्हैया लाल पटेल, कोमल प्रसाद लहरे, बलदेव पटेल, कोमल देवांगन, रामूराम सुनहले, पवन कश्यप और बुधराम पटेल शामिल हैं।
प्रशासन चुप, परिजन बेचैन..
प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है, लेकिन परिजनों का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय और मुआवजा नहीं मिलता, वे चुप नहीं बैठेंगे। गांव में अब भी सन्नाटा छाया हुआ है, और लोगों के मन में कई सवाल बने हुए हैं।

