बिलासपुर। शारदीय नवरात्रि रविवार को प्रारंभ हुआ। पर्व के पहले ही दिन से चारो ओर भक्ति की धारा बहने लगी । रविवार को घर से लेकर मंदिरों में विधि विधान से देवी के प्रथम स्वरुप मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई।इस दौरान शहर के सभी देवी मंदिरों के पट भोर 5 बजे से ही खूल गए थ्ो। पट खुलते ही हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ देवी के दर्शन करने के लिए उमड़ने लगे। श्रद्धालुओं को दर्शन कराने सेवादार भी तैनात थे। मंदिरों के बाहर श्रद्धालूओं की अधिक संख्या होने से मेले जैसा माहौल देखने को मिला।
पर्व के मदद्ेनजर घरों में भी मां भक्तों ने कलश स्थापित किए तथा पहले दिन व्रत रखा। कई लोगों ने पूरे नौ दिनों तक तो किसी ने प्रथम दिवस पंचमी और अष्टमींं पर व्रत का संकल्प किया। धार्मिक नगरी रतनपुर से लेकर मल्हार में डिडनेश्वरी माता, तिफरा स्थित काली मंदिर, सरकंडा सतबहनिया मंदिर, गोलबाजार स्थित हरदेव लाल मंदिर, जरहाभाटा दुर्गा मंदिर , दक्षिण्ोश्वर काली मंदिर व सभी मंदिरों में सुबह से हीश्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। आस-पास मेले जैसा माहौल रहा। हाथों में पूजा सामग्री लेकर श्रद्धालु माता के जयकारे लगाते हुए मंदिर की ओर बढ़ रहे थे। दुकानों पर नारियल, चुनरी, फूलमाला, मिठाई की खरीदारी करते हुए लोग दिखे।
मां महामाया मंदिर में 29 हजार मनोकामना ज्योति प्रज्जवलित
रतनपुर स्थित सिद्ध पीठ मां महामाया मंदिर मे ंइस बार 29 हजार ज्योति तेल और घी की प्रज्जवलित की गई। सुबह 11 बजकर 3० मिनट पर घटस्थापना उपरांत मांगलिक ·ान द्बारपूजन के बाद दीप प्रज्ज्जवलित किया गया। इस बार 4 हजार घी और 25 हजार तेल की मनोकामना ज्योति प्रज्जवलित की गई है। 2० हजार ज्योति तांबे के कलश पर प्रज्ज्वलित ककी गई है। महामाया के दरबार का इस बार विशेष श्रृंगार किया गया है जिसमें मंदिर के गुंबज से लेकर पूरे प्रांगण को गेंदे, कमल, सेवंती, गुलाब के फूलों से सजाया गया है। मंदिर में 9 दिनों तक 1०० पंडित पूजा- अर्चना करते हुए माता के सेवा में जुटे हैं। माता के दर्शन के लिए रतनपुर सहित आसपास के ग्रामीणाों व शहर से भी हजारों की संख्या में भक्तजन पहुचे थ्ो।
ंमल्हार स्थित शारदीय डिडनेश्वरी मंदिर में नवरात्रि के पहले दिन 5 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओ ने देवी के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। दोपहर अभिजीत मुहूर्त में प्रथम ज्योति प्रज्वलित की गई। इस बार 4 हजार भक्तों ने मनोकामना के दीप जलवाए है।लाखासर के आचार्य पण्डित अभिषेक तिवारी ने वेदी पूजा के साथ सभी अनुष्ठान संपन्न कराया व ललितासहस्त्रणाम पाठ, दुर्गासप्तसती पाठ शुरू की। प्रतिदिन वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ नवरात्र अनुष्ठान संपन्न होंगे। वही मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद देवी भागवत ज्ञान कथा का संगीतमय शुभारम्भ विदुषी श्रद्धादेवी प्रेम पांडेय के श्रीमुख से हुआ। रविवार को अवकाश दिवस होने कारण बड़ी संख्या में पहुचे जिन्होंने ज्योति दर्शन के साथ परिक्रमा कर मनवांछित फल की कामना की। शाम की भव्य मंगल आरती में सैकड़ो महिलाए शामिल हुई।
तिफरा स्थित काली मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब
तिफरा स्थित काली मंदिर में सुबह से ही शहर एवं ग्रामीध क्ष्ोत्र से पहंुचे हजारों भक्तों ने देवी के दर्शन किए। 11 बजकर 36 मिनट पर घटस्थापना की गई। बाबा भवानी दास महाराज के द्बारा माता का विष्ोश श्रृंगार व पूजन किया गया। मंदिर में इस बार 425० तेल के और 25० घृतकलश प्रज्जवलित किया गया है। प्रतिदिन सेवा गीत, देवी भागवत और धार्मिक आयोजन संपन्न होंगे।
डिडनेश्वरी देवी मंदिर के गर्भगृह जीर्णोद्धार, श्रद्धालुओं का वर्षो पुराना सपना हुआ साकार
विश्व प्रसिद्ध माता डिडनेश्वरी देवी मंदिर के गर्भगृह का कायाकल्प नवरात्र पर्व की पूर्व संध्या पर हो गई। विगत 3० वर्षों से लोहे के पिजरे में सुरक्षात्मक तौर पर बंद माता के विग्रह को पिजरे से 3 माह पूर्व ही मुक्ति मिली थी थी जिसके बाद गर्भगृह के नए कलेवर को लेकर ट्रस्ट और जनमानस में चर्चा चल रही थी। परन्तु अब माता जी का दिव्य व भव्य सभी के सामने आ गया है। गर्भगृह के नए स्वरूप की अद्भुत छटा देखते ही बन रही रही। आकर्षक झूमर और अत्याधुनिक लाइटिग से माता का पावन विग्रह का अलौकिक दर्शन श्रद्धालुओ को देखने मिल रहा है। दिव्य श्रृंगार के साथ नए छत्र व मुकुट भी लगाया गया जिसके बाद गर्भगृह की भव्यता और बढ़ गई।
सतबहिनिया मंदिर में ज्योति कलश प्रज्वलित
बंधवापारा सरकंडा स्थित मां सतबहिनिया मंदिर में सुबह पंडित हरिगोपाल चौबे के द्बारा सभी सदस्यों की उपस्थिति में ज्योति कलश प्रज्वलित की गई। इस वर्ष 48० से ज्यादा घृत और तेल ज्योति कलश मनोकामना स्वरूप प्रज्वलित किया गया है। मां जनकल्याण सेवा समिति और आकृति महिला मंडल के द्बारा पूरे मंदिर परिसर को स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत सफाई की गई। समिति के सचिव डॉ. शंकर यादव ने बताया कि, इस अवसर पर प्रति वर्षानुसार सवा लाख गायत्री महामंत्र का जाप भी किया जा रहा है। जाप में गीता पब्लिक स्कूल, विद्या निकेतन व शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के विद्यार्थी अपने स्कूल के प्रभारी शिक्षको के साथ भाग लेंगे, जाप का समय आधा आधा घंटे की पालियों में सुबह 6 बजे से 8:3० बजे तक रखा गया है। पूरी व्यवस्था में अध्यक्ष पं हरिगोपाल चौबे, जी आर देवांगन,लव प्रसाद शराफ, शंकरलाल पाटनवार, लखन सिह राजपूत, छोटे लाल ठाकुर, झरोखा चंद्राकर, सिद्धेश्वर पाटनवार, केके चंद्राकर, रामेश्वर सिह ठाकुर, पंचराम राजपूत,पुजारी मनोज पांडेय,शिव कुमार तिवारी,टीकम साहू,सुनील यादव, संदीप कश्यप, आकाश पांडेय, माधव शर्मा, अजय,मुन्ना सहित समस्त पदाधिकाारी व सदस्य सक्रिय है।
पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में 115 मनोकामना घृत ज्योति कलश प्रज्ज्वलित हुए
सरकण्डा स्थित श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में शारदीय नवरात्र हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने बताया कि त्रिदेव मंदिर में नवरात्र के प्रथम दिन प्रात:कालीन श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का विशेष पूजन श्रृंगार शैलपुत्री देवी के रूप में किया गया। श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का महारुद्राभिषेक, महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती देवी का षोडश मंत्र द्बारा दूधधारिया पूर्वक अभिषेक किया गया। भगवान राम का पूजन एवं श्रृंगार किया गया। मनोकामना घृत ज्योति 115 कलश अभिजीत मुर्हूत 11:3० से 12:3० मध्यान्ह मे प्रज्ज्वलित किया गया।तत्पश्चात ध्वजारोहण, जवारा रोपण किया गया। दुर्गा सप्तशती पाठ एवं पीताम्बरा हवनात्मक यज्ञ रात्रिकालीन प्रतिदिन रात्रि 8:3० बजे से रात्रि 1:3० बजे तक निरंतर चलता रहेगा तत्पश्चात महाआरती रात्रि 1:3० बजे किया जा रहा है।
शीतला मंदिर में जले आस्था के दीप
सिद्ध शक्तिपीठ शीतला माता मंदिर के पुजारी गोपाल कृष्ण रामानुज दास ने बताय शक्ति का महापर्व नवरात्र मां जगत जननी कि उपासना आराधना से मनोरथ पूर्ण करने के लिए भक्त मंदिर के दरवाजे तक पहंुचने लगे हैं पर्व के दौरान देवी के नौ की प्रतिदिन विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। प्रथम दिन मां शैलपुत्री के स्वरुप का स्मरण कर प्रारंभ किया गया । प्रतिदिन अनुष्ठान प्दुर्गा सप्तशती पाठ, जप तप के साथ माता को नौ दिनों तक विशेष भोग लगाया जाएगा। मंदार के फूलों से पुष्प अर्चना होगी एवं सोलह श्रृंगार के पश्चात कुमकुम सौभाग्य चिन्ह वितरण किया जाएगा।





