बिलासपुर।विज्ञान भारती एवं गुजरात राज्य सरकार के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 21-24 दिसंबर,2024 को साइंस सिटी अहमदाबाद में आयोजित किया गया है। इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ राज्य से वैद्य निर्मल कुमार अवस्थी संचालक परंपरागत ज्ञान एवं वनौषधि विकास फाउंडेशन को भी आमंत्रित किया गया अवस्थी ने छत्तीसगढ़ राज्य की जनजातीय पारंपरिक उपचार पद्धति की बहुउपयोगी औषधीय पौधों की जानकारी भारत के वैज्ञानिकों के समक्ष प्रस्तुत किया जिसमें वर्तमान में सबसे अधिक हड्डियों के रोगों में सफल उपचार की वनस्पतियों के संबंध में अनुसंधान कर्त्ताओं को बताया कि डोकर बेल , कोरिया छाल, अर्जुन छाल एवं गठुअन, शंकर जटा एवं अन्य वनौषधियों की उपयोगिता की जानकारी दी है , ज्ञात हो अवस्थी विगत 28 वर्षों से आदिवासी जनजाति परंपरागत वैद्य की आवाज राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाते रहे हैं। भारतीय विज्ञान सम्मेलन के व्दितीय दिवस पर छत्तीसगढ़ राज्य की वनौषधियों के अनुसंधान हेतु पैनल डिस्कशन पर अनूप ठाकुर संचालक इंस्टीट्यूट ऑफ टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेदा आयुष मंत्रालय जामनगर प्रवीण रामदास राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री विज्ञान भारती, वैज्ञानिक डा प्रकाश इतनकर राष्ट्र संत तुकडो जी महाराज विश्व विद्यालय नागपुर एवं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल इज्यकेशन एंड रिसर्च अहमदाबाद एवं अन्य अनुसंधान कर्त्ताओं के साथ चर्चा कर अतिशीघ्र छत्तीसगढ़ राज्य आदिवासी जनजाति समुदायों द्वारा बहुमूल्य वनौषधियों पर अनुसंधान की रणनीति पर चर्चा की गई और सभी वैज्ञानिकों ने अतिशीघ्र अनुसंधान पर आश्वासन हेतु सहयोग एवं मार्गदर्शन दिया है।इस सम्मेलन पर इसरो के चेयरमैन श्री एस सोमनाथ ने भी शिरकत की ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री ने परंपरागत ज्ञान एवं विज्ञान को एक मंच पर लाने पर बल दिया है इसी तारतम्य में परंपरागत ज्ञान को वैज्ञानिक कसौटी पर खरा उतरने एवं ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभाओं को सामने लाना और समुदायों में उसका लाभ अंतिम श्रेणी पर लाने हेतु एक मंच प्रदान किया जा रहा है।


