सोलह कला युक्त चंद्रमा की रोशनी में नही लगा खीर का भोग शरद पुर्णिमा पर चंद्रग्रहण लगने से मंदिर के पट रहें बंद
बिलासपुर। शरद पूर्णिमा शनिवार को मनाया गया। वहीं इस बार सोलह कलाओं से पूर्ण चंद्रमा की रौशनी में खीर रखने की परंपरा भी पूरी नही हो पाई । चंद्रग्रहण लगने के कारण इस बार इस बार मंदिर के गर्भ गृह से भगवान नहीं निकले ना ही भक्तो को दर्शन दिया । सूतक काल में भजन-कीर्तन किया गया। खाटू श्याम मंदिर में दोपहर में ही ठाकूरजी की सेवा कर शरदोत्सव मनाया गया और दो बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिये गए।
चंद्रग्रहण शनिवार देर रात 1 बजकर 5 मिनट से लेकर 2 बजकर 24 मिनट तक रहा।इससे पूर्व शाम चार बजे सूतकाल प्रारंभ हो गया था। मोक्ष रविवार रात 2.23 बजे पर हुआ। मोक्ष के बाद कई लोगों ने ·ान आदि कर छत पर खीर रखा।
खाटू श्याम मंदिर में मना शरदोत्सव
चंद्रग्रहण होने के कारण इस साल घोंघाबाबा मंदिर स्थित खाटू श्याम मंदिर में दोपहर 12 बजे ही शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। बाबा श्याम को चंद्रमा के समान धवल वस्त्र पहनाए गए और विभिन्न आभूषणों से सुसज्जित किया। दरबार की सुंदरता दर्शनार्थियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। इस दौरान मंदिर के पुजारी द्बारा खाटू श्याम का पूजन आरती कर खीर का भोग लगा दिया जाएगा साथ ही भक्तों को भी प्रसाद वितरित किया गया। इसके बाद दोपहर 2 बजे ही भगवान की संध्या पूजा की गई फिर पट बंद कर दिया जाएगा।
सदरबाजार स्थित वेंकटेश मंदिर में भी इस बार सुबह 11 बजे पूजा-अर्चना के बाद भगवान का पट बंद कर दिया गया। ग्रहण के बाद रात दो बजे भगवान को जल का भोग लगाया। ग्रहण के दौरान भजन-कीर्तन किए गए। पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मन्दिर सुभाष चौक सरकण्डा में चल रहे श्री पीताम्बरा हवनात्मक महायज्ञ चंद्र ग्रहण के कारण पीताम्बरा हवनात्मक यज्ञ सुबह 9 बजे से 3बजे तक किया जाएगा । इसके बाद महाआरती की जाएगी फिर मंदिर का पट शाम चार बजे से बंद हो जाएगा। रविवार को मंदिर का पट पुन: 8 बजे श्रद्धालूओ के दर्शन के लिए खुलेगा।
इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल होगा मान्य
चंद्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पूर्व से शुरु हो जाता है। इस बार भी सूतक शाम में 4 बजकर 5 मिनट पर आरंभ हो जाएगा। ग्रहण के कारण इस बार केव ल भजन-कीर्तन होगा। जबकि मंदिर के पट बंद रहेंगे। शरद पुर्णिमा के विश्ोष मौके पर हर साल की तरह इस बार भी जूनी लाइन अग्रसेन भवन स्थित डॉ. नरेंद्र शर्मा आयुर्वेद चिकित्सक वैद्य शाला में दमा की निशुल्क दवा बांटी जाएगी।
अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर 18 साल बाद चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है. इससे पहले यह योग 2००5 में बना था, जब चंद्र ग्रहण और शरद पूर्णिमा एक साथ लगे थे. सबसे पहले जानते हैं कि भारत में चंद्र ग्रहण कब दिखाई देगा. इसकी शुरुआत 28 तारीख, शनिवार यानी आज मध्य रात्रि 1 बजकर 5 मिनट से होगी और इसका समापन 2 बजकर 24 मिनट पर होगा. आपको बता दें की चंद्र ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव 1 बजकर 44 पर रहेगा और 9 घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाएगा यानी शाम 4 बजकर 5 मिनट से सूतक काल की शुरुआत हो जाएगी.
सूतक काल आरंभ होने से पहले खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए। या इसके अलावा आप इसमें कुश, दर्भ भी डाल सकते हैं। चंद्र, ग्रहण का मोक्ष होने के बाद स्नान- दान- पुण्य- पूजा उपासना इत्यादि का विशेष महत्व है। सुबह स्नान के बाद भगवान की पूजा- उपासना और को दान पुण्य करना चाहिए।


