हलषष्ठी व्रत के लिए बाजार में आने लगी पसहर चावल और पूजन सामग्री

संतान के लंबी आयु के लिए माताएं रख्ोंगी व्रत 5 को
बिलासपुर। संतान के लंबी उम्र के लिए 5 सितंबर को माताएं हलषष्ठी माता का व्रत रख्ोंगी। हलषष्ठी पर्व को लेकर बाजार में पूजन सामग्री आदि की दुकानें लगने लगी हैं। शनिवार को बाजार में हलषष्ठी पूजन सामग्री के लिए पसहर चावल, लाई महुआ, चुकिया आदि की खरीदी करते लोग नजर आए। शनिचरी बाजार, गोलबाजार, बुधवारी शनिचरी बाजार के अलावा फुटपाथ पर, हाथ ठेला पर पूजन सामग्री बेची जा रही है। मान्यता है कि हलषष्ठी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के भाई बलराम का जन्म हुआ था। बलरामजी का प्रमुख शस्त्र हल और मूसल है। इसलिए उन्हें हलधर कहते हैं। उन्हीं के नाम पर इस पर्व का नाम हलषष्ठी पड़ा। इस दिन माताएं व्रत रखती हैं ।गाय का दूध और दही भी नहीं खाया जाता। भैंस का दूध दही ही उपयोग में लाया जाता है। इस दिन स्त्रियां एक महुए की दातुन करतीं हैं।
पसहर चावल 2०० रुपये किलो
बाजार में पसहर चावल दो सौ रुपये किलो बिक रही है। ग्रामीण क्ष्ोत्र से लोग बाजारों में जगह जगह पर दुकान सजाकर रख्ो हुए हैं। इसके अलावा गली मोहल्लों में भी पसहर चावल के साथ हलषष्ठी व्रत की सारी पूजन सामग्री बेची जा रही है। व्रत में विश्ोष रुप से उपयोग किया जाने वाले भ्ौंस की दूध और दही है बाजर में आ गया है। दही 2० रुपये पाव तो घी हजार रुपये किलो तक मिल रही है। हालाकि लोग इसे पूजन में उपयोग करने के लिए जरुरत के हिसाब से खरीदी कर रहे हैं।