
बिलासपुर। सिम्स के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। हड़ताल के दूसरे दिन जूनियर डॉक्टरों ने चाय बेचकर विरोध प्रदर्शन किया। इन डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है,, मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। PG और इंटर्न शिप के छात्र मानदेय की बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर है।
इन दोनों मौसमी बीमारी के चलते प्रतिदिन हजारों से ज्यादा की संख्या में मरीज सिम्स का चक्कर लगा रहे हैं डायरिया के मरीज से पहले ही मेडिसिन वार्ड भरा हुआ है। वही आई फ्लू भी कहर बरपा रहा है। हालाकि स्वास्थ्य विभाग इसकी रोकथाम के लिए हर उपाय करने का दावा कर रहा है। ऐसे में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से हॉस्पिटल पर दबाव तो बनेगा ही। इस इस मामले को लेकर डीन डॉ के के सहारे का कहना है की विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों की मांग शासन तक भेजी जा चुकी है लेकिन उनकी हड़ताल से हॉस्पिटल पर असर नहीं पड़ा है और उन्होंने व्यवस्था बना रखी है। इधर विरोध प्रदर्शन के दौरान जूनियर डॉक्टरों ने चाय का स्टाल लगाकर सरकार को यह संदेश दिया कि एक चाय वाला भी औसतम 1 दिन में एक इंटर्न डॉक्टर से कहीं ज्यादा पैसा कमा लेता है वर्तमान में इंटरन डॉक्टरों को केवल ₹420 प्रतिदिन की रोजी पर काम करना पड़ रहा है जिसमें उनकी ड्यूटी 12 घंटा या कई बार तो 24 घंटा भी होती है।
डॉ तितिर ने कहा जब दूसरे राज्य समय-समय पर इंटर्न और जूनियर डॉक्टरों की वेतन वृद्धि कर रहे हैं तो यह बात छत्तीसगढ़ पर भी लागू होनी चाहिए। डॉ अनमोल ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि इतनी पढ़ाई कर भी उन्हें चाय बेचने मे होने वाले लाभ से कम वेतन पर काम करना पड़ेगा।डॉ वीकेश ने बताया चाय की दुकान लगा अपने ही दोस्तों को चाय बेच 1200/कमाए। बहरहाल हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने मांगे पूरी नहीं होने तक हड़ताल पर ही रहने को कहा है।

