अपनी कर्मभूमि को देखकर भावनाओं की लहर दौड़ गई
बिलासपुर। सरस्वती शिशु मंदिर तिलकनगर में अपनी सेवाएं दे चुके सेवानिवृत्ति शिक्षकों को आपस में मिलकर स्कूल से जुड़ी हुई पुरानी यादें ताजा हो गईं। सभी अपने-अपने समय में स्कूल में कराए गए अध्यापन अध्ययन और छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों के साथ घटित हुई रोचक प्रसंग को याद करते हुए भाव विभोर हो गए।
सरस्वती शिक्षा संस्थान हेडक्वार्टर की योजना के अनुसार दिसंबर में कोनी में होने वाले राष्ट्रीय स्तर के छात्र सम्मेलन को लेकर बुलाई गई इस बैठक में सेवानिवृत्ति शिक्षकों ने अपना मार्गदर्शन दिया। इन शिक्षकों ने बताया कि किन बिंदुओं को शामिल कर इस विराट सम्मेलन को सफल बनाया जा सकता है। सेवानिवृत शिक्षकों ने अपने समय में और वर्तमान में अध्ययन अध्यापन की शैली विद्यालयों के बदलते हुए माहौल और स्टूडेंट और पेरेंट्स की मानसिकता और सच में आ रहे बदलाव को लाकर भी डिस्कशन किया।
इसके बाद स्कूल के भूतपूर्व छात्र और वर्तमान शिक्षक ने छात्र और शिक्षक के रूप में अपने अनुभवों से सेवा निवृत शिक्षकों को अवगत कराया।
इस अवसर पर उपस्थित समिति की व्यवस्थापक डा. भुवनसिंह राज और सहव्यवस्थापक बैजनाथ राय ने विद्या भारती की विराट योजनाओं के परिपेक्ष में स्कूल के द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी सेवानिवृत शिक्षकों को दी। इस पर सभी शिक्षकों ने संतोष जाहिर किया। सेवा निवृत शिक्षकों ने कहा कि रिटायर होने के बाद भी वे सरस्वती शिक्षा संस्थान विद्या भारती और विद्यालय की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए समाज के बीच जाकर यथासंभव सहयोग देंगे। इस अवसर पर उपस्थित समिति की व्यवस्थापक डा. भुवनसिंह राज और सहव्यवस्थापक बैजनाथ राय ने विद्या भारती की विराट योजनाओं के परिपेक्ष में स्कूल के द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी सेवानिवृत शिक्षकों को दी। इस पर सभी शिक्षकों ने संतोष जाहिर किया। सेवा निवृत शिक्षकों ने कहा कि रिटायर होने के बाद भी वे सरस्वती शिक्षा संस्थान विद्या भारती और विद्यालय की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए समाज के बीच जाकर यथासंभव सहयोग देंगे। नेतराम विश्वकर्मा, लक्ष्मण प्रसाद साहू , मंगला देशपांडे, भावना वर्तक, मधुलिका तिवारी , स्मृति भुरंगी, अपर्णा दाण्डेकर, चंदन केसरवानी , गौरीशंकर तिवारी, रामचंद्र दुबे, रामप्रिय तिवारी , रमेश देवांगन , सिद्धराम कर्ष, राजेश यादव, देवनारायण यादव आदि आचार्य मौजूद थे। आभार प्राचार्य राकेश पांडेय संचालन अनुपम दुबे ने किया।
पूर्व छात्र वर्तमान शिक्षक का समागम – इसके बाद स्कूल के भूतपूर्व छात्र और वर्तमान शिक्षक संस्कार श्रीवास्तव ने छात्र और शिक्षक के रूप में अपने अनुभवों से सेवानिवृत शिक्षकों को अवगत कराया।


