
बिलासपुर।अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर एवं इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडी के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय के कोनी स्थित नवीन भवन में विविधता का सम्मान वैश्विक समस्या का समाधान, इंडो लिथुआनियन भाषाई समानता विषय पर जी 20 के अंतर्गत सी 20 पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महंत रामसुंदर दास अध्यक्ष छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग ने कहा कि अटल विश्वविद्यालय शिक्षा के अतिरिक्त सामाजिक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में कार्य कर रहा है यह सराहनीय है । मुख्य वक्ता स्वामी आदित्य नंद सरस्वती शारदा पीठ द्वारका ने कहा योग एवं आयुर्वेद यूरोपीय देशों में तीव्र गति से फैल रहा है यूरोप में सूर्य की रोशनी कम है ,और जहां सूर्य का प्रकाश कम होता वहां अंधकार अधिक होता है ।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गौतम चौरडीया सेवानिवृत्त न्यायाधीश व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष ने कहा कि ईश्वर ने प्रकृति और समाज दोनों को विविधता पूर्ण बनाया है ,इसका हम सभी को सम्मान करना चाहिए ।भारतीय संस्कृति सभी से प्रेम करने और शांति के साथ रहने का संदेश देती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति वाजपेई ने कहा कि जी-20 का अध्यक्षता हमारे देश को मिलना गौरव की बात है इसके अंतर्गत कई समूह बने हैं जैसे एल 20 यूथ 20 उसी में से एक जी-20 है जिसका उद्देश्य नागरिक समाज संगठनों के माध्यम से समाज की चिंता एवं आकांक्षाओं को वैश्विक स्तर पर रखने का कार्य करना है। कार्यक्रम का द्वितीय चरण दोपहर 12: बजे परिचर्चा सत्र से प्रारंभ हुआ जिस का संचालन डॉ एच एस होता अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने किया। इस अवसर पर चेरी लाजरस आरमू साउथ अफ्रीका ने ऑनलाइन के माध्यम से जुड़ कर कहा कि, दक्षिण अफ्रीका में विभिन्न भाषा संस्कृति इतिहास खानपान आदि विविधता है फिर भी न्यायिक और संवैधानिक व्यवस्था इस विविधता का सम्मान करते हुए संवैधानिक एकता स्थापित किया है। दिवा शंकर शुक्ला ने लंदन से ऑनलाइन मोड में कहा कि एक दूसरे के धर्म को समझने और जानने की परंपरा होनी चाहिए तभी मानव समाज एक दूसरे की विविधता को सम्मान के साथ स्वीकार करेगी। चंद्र मोहन परशीरा विभागाध्यक्ष पर्यटन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने कहा कि भारत विविधता का देश है इस विविधता को भारतीय लोग जितना स्वीकार और सम्मान करते हैं उतना विश्व में कोई देश नहीं करता। प्रोफ़ेसर अमर जीव लोचन जनरल सेक्रेट्री आईसीसीएस ने सभी वक्ताओं के विचार और व्यक्तियों को समीक्षा करते हुए कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बनाया और कहा कि जी-20 का कार्यक्रम जब भी होता है उसमें पहला नाम अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय का होता है। सत्र का धन्यवाद ज्ञापन डॉ मनोज सिन्हा समन्वयक रासेयो ने किया।

