बिलासपुर / संभाग के सबसे बड़े अस्पताल सिम्स में फैली अव्यवस्था पर संज्ञान लेते हुए एक बार फिर से हाईकोर्ट ने प्रशासन से सवाल किया है..

सिम्स मेडिकल अस्पताल में आम मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है,इसकी जानकारी मिलने पर चीफ जस्टिस रमेश सिंह ने संज्ञान लिया है और इसे एक जनहित याचिका के रूप में मामले की सुनवाई की जा रही है,याचिका में बात सामने आई की दूर-दूर से यहां आने वाले मरीज कुछ दिन भर्ती होने के बाद या तो मजबूर होकर वापस लौट जाते हैं या किसी प्राइवेट हॉस्पिटल का रुख कर लेते हैं,हाई कोर्ट ने मामले में शासन से जवाब भी मांगा था, शासन की ओर से नियुक्त ओएसडी ने हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की थी, इसमें स्वीकार किया गया था कि, सिम्स में वर्क कल्चर पूरी तरह प्रभावित हो गया है,इसे वापस पटरी पर लाने में बहुत समय लगेगा..
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने सिम्स में फैली अव्यवस्था के मामले में सुनवाई की.. इस दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि, यह सुनिश्चित होना चाहिए,कि सिम्स को स्थापित करने के उद्देश्यों को पूरा किया जा सके, यहां मशीन उपकरण दशको पुरानी है, सिम्स के बिल्डिंग की स्थिति, विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता, स्टाफ की कमी, साफ सफाई, जांच के लिए मशीनों की स्थिति, इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा बजट के आवंटन के हिसाब से व्यवस्था सुधारने को कहा गया है..
सिम्स में इलाज की व्यवस्था को लेकर पहले भी बहुत सारे सवाल उठ चुके हैं, मशीन होते हुए भी कई बीमारियों का जांच नहीं होना सिम्स प्रबंधन पर सवालिया निशान खड़ा करता है, इतना ही नहीं सिम्स में राजनीति का प्रभाव भी बहुत तक हावी रहता है, इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री ने पद संभालते ही सिम्स का दौरा किया था,जहां व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने जमकर नाराजगी जताई थी और जल्द से जल्द व्यवस्था सुधारने के निर्देश प्रबंधन और डॉक्टर को दिए थे,लेकिन इसके बाद भी सिम्स में व्यवस्था और इलाज की स्थिति जस की तस बनी हुई है..
