
बिलासपुर।श्री झूलेलाल वेलफेयर सोसाइटी के द्वारा श्री मोटूमल भीमनानी (सेवा सदन) सिन्धी धर्मशाला गोल बाजार में “श्री झूलेलाल चालीहा महोत्सव मे”आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस पर समाज के भारी संख्या में उपस्थित भक्तजनों ने भागवत कथा का श्रवण कर अपने जीवन को सफल बनाया।
श्री झूलेलाल वेलफेयर सोसाइटी के प्रमुख सलाहकार रूपचंद डोडवानी ने जानकारी देते हुए बताया कि…
चक्रभाठा स्थित श्री बाबा आनंद राम दरबार से बलराम भैय्या (एकादशी वाले) के द्वारा संगीतमय सरल सिंधी भाषा में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस पर,,।
*एक अनमोल रहस्य में ज्ञान बताया गया कि रूकमणि माता से भी पहले भगवान श्री कृष्ण का विवाह श्री राधा रानी से हुआ है। आजकल संपूर्ण ज्ञान के अभाव में मीडिया के द्वारा कई तरह के सामान्य लोगों द्वारा प्रवचन लेख आदि प्रकाशित होते हैं , जिसमें बताया जाता है कि राधा और कृष्ण का विवाह नहीं हुआ, क्यों नहीं हुआ काल्पनिक कारण बताए जाते हैं, परंतु आज सावधानी से यह सत्य वृतांत श्रवण करें और कृपया सबको यह महत्वपूर्ण जानकारी दें कि,,,, ” भगवान श्री कृष्णा जब बृजवास ही कर रहे थे इस समय श्री राधा रानी के साथ भगवान श्री कृष्ण का विवाह संपन्न हुआ और इस विवाह के सबसे बड़े पुरोहित ब्राह्मण स्वयं भगवान श्री ब्रह्मा जी थे और स्थान था श्री भांडीर वन।” ,जहां यह विवाह हुआ वहां आज भी आपको वृंदावन के भांडीर वन में वह स्मृति मंदिर स्थल चिह्न प्राप्त होंगे। इसका प्रमाण “पद्म पुराण और दूसरे पुराणों में ” भी उपलब्ध है। आज से हमारे हृदय में यह जानकारी होनी चाहिए कि श्री राधा ही कृष्णा है कृष्ण ही राधा है, और हमारे लीला पुरुषोत्तम प्रेम के अवतार श्री कृष्णा भक्तों के लिए अपने सच्चे प्रेम को श्री राधा रूप में प्रकट किया है। श्री राधा तत्व की महिमा अनंत, अथाह, अपार, है। श्री स्कंद पुराण,ब्रह्म वैवर्त पुराण, आदि ग्रंथों में बड़ी महिमा गाई गई है। पद्म पुराण में भगवान शिव जी कहते हैं की राधा तत्व महान प्रेम भक्ति और शक्ति से संपन्न है।*
*भगवान की आल्हादिनी*
*शक्ति श्री राधा जी हैं, तभी तो संत कहते हैं,,,,”राधा कृष्ण कृष्ण है राधा एक तत्व दो रूप अगाथा। जब उद्धव जी गोपियों को ज्ञान देते हैं तो गोपियां कहती हैं,,, हे उद्धव जीआप हमारी अवस्था नहीं समझते, आज की बात है श्री राधा जी श्री कृष्ण को पुकार रही थी तब स्वयं ही श्री कृष्ण स्वरूप अनुभव कर राधा को ही खोजने लगी,,,,”श्याम कहि श्याम कहि राधा श्याम भई।। फिर वह पूछने लगी राधा कहां गई!!*
*”ऐसी अनंत महिमा है श्री युगल सरकार राधा माधव भगवान की”।*
आज विश्राम दिवस पर ऐसी बहुत सारी मधुर कथाएं श्रद्धालुओं द्वारा रसपान की गई एवं भगवान श्री कृष्ण एवं राधा के गीतों पर उपस्थित जन समुदाय भाव विभोर होकर नृत्य करने लगा। एवं सारा पंडाल भगवान श्री कृष्ण एवं राधा रानी के जय घोष से गूंज उठा।
विश्राम दिवस एवं कथा समाप्ति के पश्चात श्रीमद भागवत भगवान एवं साईं झूलेलाल जी की श्रद्धा भक्ति के साथ आरती की गई
तत्पश्चात प्रभु का प्रसाद वितरित किया गया।
आज कथा स्थल पर श्री बाबा आनंद राम दरबार की पूजनीय माता जी भारती देवी, एवं सुलक्ष्णी देवी प्रमुख रूप से उपस्थित रही,
इसके अलावा प्रमुख रूप से समिति के अध्यक्ष जगदीश हरदवानी, प्रमुख सलाहकार रूपचंद डोडवानी, प्रीतमदास नागदेव, नानक नागदेव, राजकुमार मनचंदा, इंदर गंगवानी, विजय हरियानी, हरदास असवानी सेवक वाधवानी, चांदीराम चंदनानी, प्रकाश सीरवानी, प्रकाश आडवानी, जगदीश जाज्ञासी,प्रकाश चावला मनोहर आडवानी, भगवान दास विधानी, श्याम रोहरा, निर्मल नत्थनी, राजकुमार मनसुखानी,उत्तम बोदवानी, चोइथराम आडवानी, महिला विंग सरिता डोडवानी लता हरदवानी, कविता मंगवानी, कंचन मलघानी, कृपा सिदारा, कंचन रोहरा, निकिता डोडवानी, ट्विंकल आडवानी,,मधु हिन्दुजा,दिव्या चावला, एकता डोडवानी, ज्योति हरियानी, प्रिया नत्थनी, रेशमा मेहानी,,पलक डोडवानी , बबीता मलघानी, आशा नागदेव, लाजवंती खुशालानी, मीरा हरजानी,, आदि के साथ समाज के सैकड़ो लोग उपस्थित थे।

