
बिलासपुर।रायपुर की तर्ज पर शहर में नगर निगम सीमा के प्राइमरी व मिडिल स्कूल के बच्चों को सेंट्रल किचन में तैयार किया गया गर्म भोजन दिया जा रहा है। इस व्यवस्था से स्कूलों में मध्यान्ह भोजन समय पर मिलने लगा है साथ ही महिला स्व सहायता समूहों द्वारा की जाने वाली गड़बड़ियों पर भी रोक लगी है। लेकिन नए जुड़े वार्डो कुछ वार्डो में व्यवस्था अब भी जस की तस है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्कूलों में मिड डेल मील लागू तो है लेकिन इस वार्डो में मौजूद स्कूलों मे खाना बनाने की व्यवस्था से टीचर व विद्यार्थियों का पढ़ाई का समय बरबाद हो रहा है। बिलासपुर की यह प्रक्रिया तत्कालीन कमिश्नर मुकेश बंसल के कार्यकाल में पूरी हुई थी। फिलहाल नए जुड़े वार्डो में मौजूद स्कूलो मे लागू मध्यान भोजन में पौष्टिकता स्वच्छता, शुद्धता की ओर कोई ध्यान नही रखा जा रहा है न ही मध्यान भोजन की गुणवक्ता की जांच का कोई पैमाना है मध्यान भोजन में बच्चो को परोसे जाने वाले भोजन में घटिया मसालों व तेल का उपयोग किया जा रहा है। जिससे स्कूली बच्चों से स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है।
साफ सफाई की नहीं कोई व्यवस्था
जिन स्कूलों में महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा मध्यान भोजन संचालित है वहां पर साफ सफाई व रखरखाव की व्यवस्था बद से बदतर है। इसके विपरीत ग्राम पंचायत क्षेत्र में महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित भोजन व्यवस्था इन इलाकों से अच्छी है। जिसका कारण यह है कि ग्राम पंचायत क्षेत्र में सरपंच व पंच के अधीन व्यवस्था की मॉनिटरिंग अच्छे तरीके से हो पाती है । वही निगम क्षेत्र मे मॉनिटरिंग का आभाव है।
दोमुहानी मे हो चुकी छात्र के साथ अनहोनी
बता दें कि पिछले महीने ही नगर निगम के वार्ड 43 दो मुहानी में एक लापरवाही का मामला प्रकाश मे आया था जिसमे मध्यान भोजन समिति की लापारवाही के चलते एक मासूम छात्र की जान पर बन आई थी जलने से छात्र को गंभीर चोटें आई थी जिसके बाद प्रशासन ने तत्काल उस स्कूल को सेंट्रल किचन से अटैच कर दिया था अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन फिर से किसी बच्चे के साथ घटना होने का इंतजार करता है या जनहित में नगरीय निकाय क्षेत्र के स्कूलों में संचालित मध्यान भोजन को सेंट्रलाइज कर बच्चो को निर्विवाद पौष्टिक भोजन मुहैया कराता है।

