बिलासपुर / अरपा नदी के संरक्षण और संवर्धन की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई पर राज्य सरकार और नगर निगम कोई कार्ययोजना पेश नहीं कर पाई, इसके बाद हाईकोर्ट जमकर नाराज हुआ और पूरी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांग ली है.. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सख्ती से राज्य शासन से पूछा है कि अगर कार्ययोजना बनाई गई है तो उसकी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करें.. कोर्ट ने कहा है कि, विस्तारित योजना के साथ ही किए जाने वाले स्थायी कार्यों की जानकारी दें और कब कब क्या काम पूरे किए जायेंगे इसे लेकर इसे लेकर भी रिपोर्ट पेश करें.. हाईकोर्ट ने कहा है कि अरपा के संरक्षण के काम को गंभीरता से किया जाए.. हाईकोर्ट ने कहा है कि, शासन-प्रशासन यह व्यवस्था करे कि ड्रेनेज वाटर क्लीन होकर ही अरपा नदी में छोड़ा जाएगा, मामले की सुनवाई अप्रैल के पहले सप्ताह में होगी..

बता दें कि हाईकोर्ट के अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ला और पेंड्रा के रहने वाले राम निवास तिवारी ने हाईकोर्ट में पर राज्य शासन जनहित याचिका दायर की है.. इसमें अरपा नदी में पानी बारहमासी रहे नगर निगम को पेश करनी थी पानी रहे और इसके साथ ही उसे कार्ययोजना सजाने और संवारने के साथ साफ पानी छोड़े जाने की मांग है.. जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दे को गंभीरता से लेकर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर इस संबंध में जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे, इसके साथ ही बिलासपुर व गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के कलेक्टर को तलब कर अरपा नदी के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में किए जाने वाले कार्य को लेकर जानकारी मांगी थी..

