
बिलासपुर।कर्नल अकादमी, मंगला बिलासपुर में मुंशी प्रेमचंद जयंती एक गरिमामय समारोह में मनाई गई।कार्यक्रम का आरंभ मुंशी प्रेमचंद के तैलचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया।
प्राचार्य ने अपने स्वागत भाषण में मुंशी जी के कई कालजयी उपन्यास, नाटक, कहानी संग्रह, लेख, संपादकीय आदि को लेकर कर अपने विचार प्रस्तुत किये। उन्होंने बच्चो को बचपन मे पढ़ी ‘ईदगाह ‘ की कहानी याद दिलाई जिसमे बालक हामिद अपनी उम्र से ज्यादा बड़ा हो जाता है और अपने लिए खिलौने न ले कर अम्मी के लिए चिमटा लेता है।
जो सिर्फ प्रेमचंद की लेखनी से ही संभव था। प्रेमचंद ने उस समय समाज में फैली कुरीतियों को सर्व समाज के सामने लाने का प्रयोग किया था, जो कालजयी रहा।
शाला के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बच्चो द्वारा नमक का दारोगा नाटक का बखूबी मंचन किया गया। उन्होंने इसके जरिये समाज मे फेले भ्रस्टाचार को बखूभी दर्शाया।परंतु अंत मे ईमानदारी की जीत ने सबका मन मोह लिया।
इस विशेष सभा में श्रीमती दीपा वर्मा, विभागाध्यक्ष ने भी अपने विचारों से उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम को सफल बनाने में हिंदी विभाग के सभी सदस्यों , शाला के विद्यार्थियों ओर समस्त सहकर्मियों का विशेष योगदान था।कार्यक्रम का सफल संचालन शाला की छात्राओं ने किया जिसकी सबने बहुत प्रंशसा की। इस अवसर पर शाला के समस्त स्टाफ उपस्थित थे।

