
_शिक्षिकाओं के मार्गदर्शन में सब्जी के बीज चावल इलायची दाना का उपयोग कर बनाई जा रही है राखियां_
बिलासपुर। रक्षाबंधन आ रहा है। भाई द्वारा बहन की , देशभक्तों द्वारा अपने देश की आन – बान – शान की रक्षा के साथ हिंदू मुस्लिम एकता आधारित संदेश वाली कई कहानियां प्रचलित हैं। लिहाजा देश की सीमाओं पर कभी झुलसाती गर्मी तो कभी बर्फ बरसाती हुई कड़कड़ाती ठंड के बीच प्रतिकूल परिस्थितियों में 24 घंटे 365 दिन हमारी रक्षा के लिए ड्यूटी करने वाले सैनिक भी हमारे भाई की तरह हैं। छुट्टी नहीं मिल पाने के कारण बहुत से सैनिक भाई रक्षाबंधन पर अपने घर नहीं जाते हैं। रक्षाबंधन के दिन उनकी कलाइयां सूनी ना रह जाए। इसको ध्यान में रखते हुए उनको अपने हाथों से बनाई हुई राखी भेज कर उनके कर्तव्य को नमन करने का अवसर रुकना नहीं चाहिए।
सरस्वती शिक्षा संस्थान के निर्देशानुसार सरस्वती शिशु मंदिर तिलकनगर में कुछ इसी भावना से प्रेरित होकर स्कूल के स्टूडेंट्स सैनिकों के लिए राखियां भेजने की तैयारी कर रहे हैं। शिक्षक संस्कार श्रीवास्तव ने बताया कि सैनिकों के प्रति अपनी देश भक्ति की भावना के साथ पर्यावरण के संरक्षण के महत्व को भी ध्यान में रखते हुए इको फ्रेंडली राखियां बच्चों के द्वारा बनाई जा रही हैं। धान लौकी करेला रखिया खीरा तोरई के बीज चावल के दानें वाटर कलर डोरी कागज रंग इलायची के दाने और गोंद का उपयोग करते पर्यावरण संरक्षण करने वाली राखियां बनाई जा रही हैं। जो बच्चे राखी नहीं बना पा रहे हैं। वे बाजार से खरीद कर राखियों का दान कर रहे हैं। पढ़ाई में व्यस्त होने के बावजूद सैनिकों के लिए राखी बनाने के लिए स्टूडेंट समय निकाल रहे हैं। बड़े ही प्रेम भावना के साथ राखी बनाने के लिए मटेरियल की व्यवस्था स्टूडेंट्स खुद कर रहे हैं। स्कूल की शिक्षिका अर्चना मजूमदार , सीमा दुबे , निधि अवस्थी , जागृति साहू , शशि श्रीवास्तव , शालिनी श्रीवास्तव, अर्चना मुजूमदार , माधुरी बापते सभी शिक्षिकाओं की टीम ने पहले इसके लिए छात्राओं को तैयार किया लेकिन इससे प्रेरित होकर छात्रों ने खुद भी सैनिकों के लिए राखियां भेजने की इच्छा जताई। छात्रों की भावनाओं का सम्मान रखते हुए उनको भी राखी लाने का निर्देश दिया गया है। लिफाफे बंद राखियों में प्रेषक बकायदा अपना नाम लिख रहे हैं। लिफाफे में राखियों के साथ हल्दी चावल के दाने और मिट्टी भी रखी जा रही है। मिट्टी देश की माटी के लिए मर मिटने वाले सैनिकों के लिए शौर्य का प्रतीक है।
*इस रास्ते से भेजी जाएगी राखी*- बच्चों के द्वारा बनाई गई राखी को पूर्व सैनिक महासभा को 12 अगस्त को हैंडओवर किया जाएगा। यहां से राखियां 16 अगस्त को बिलासपुर रायपुर दुर्ग राजनांदगांव नागपुर बैतूल इटारसी भोपाल सीहोर देवास उज्जैन राजस्थान के कोटा बूंदी टोंक जयपुर गुरुग्राम दिल्ली पानीपत करनाल कुरुक्षेत्र अंबाला खन्ना लुधियाना जालंधर पठानकोट जम्मू होते हुए उधमपुर पहुंचाई जाएंगी। जहां से वे रक्षाबंधन के दिन तक बॉर्डर पर ड्यूटी कर रहे सैनिकों तक पहुंचा दी जाएंगी।
*पब्लिक से अपील* – सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य शिवराम चौधरी ने आम जनता से भी सैनिकों के लिए राखियां बनाकर 11 अगस्त तक स्कूल के प्राचार्य के पास जमा करने का निवेदन किया है। विस्तृत जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 98935 98836 जारी किया गया है। इसके पहले भी पूर्व के बरसो में सैनिकों को अखियां भेजी गई हैं। जहां से सैनिकों ने इसके लिए सशिमं के शिक्षकों को फोन कर धन्यवाद दिया था। बच्चों से अपने मोबाइल नंबर अंकित करने का निवेदन दिया गया है।

