बिलासपुर / जिलों की क्षमता से अधिक कैदियों की भीड़ व उनके रहने की मानवीय परिस्थितियों को लेकर पेज जनहित याचिकाओं पर शासन ने जवाब पेश कर दिया था हाई कोर्ट ने डीजी जेल को दोबारा शपथ पत्र पर यह जवाब मांगा है कि प्रदेश की जिलों में भविष्य में कैदियों की संख्या बढ़ने पर शासन की क्या कार्य योजना है.. अधिवक्ता शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय जेलों में क्षमता से अधिक बंधिया की मौजूदगी को लेकर एक जनहित याचिका दायर की थी इसके कुछ समय बाद उनके लिए जिलों में मानवीय परिस्थितियों को लेकर भी एक पीआईएल लगाई गई है, इस बीच हाई कोर्ट के संज्ञान में भी यह बात सामने आई कि, जिलों में कैदियों की स्थिति अच्छी नहीं है इसे अदालत में स्वयं एक जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार किया है चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच में एक साथ सुनवाई शुरू की गई है हाई कोर्ट ने पहले अधिवक्ता रणवीर मरहास को न्याय मित्र नियुक्त किया.. लगातार चल रही सुनवाई में पहले शासन ने बताया था कि जिलों में कैदियों के स्वास्थ्य व अन्य सुविधाओं को लेकर काम किया जा रहा है इसी तरह रायपुर वह बिलासपुर जिले में विशेष जिलों की स्थापना वह बेमेतरा में खुली जेल शुरू करने की बात सरकार द्वारा की गई है सरकार के वकील ने तब कहा था कि रायपुर में विशेष जेल के लिए भूमि मिल चुकी है बाद में इसमें काम शुरू कर दिया गया बेमेतरा में भी एक खुली जेल की स्थापना की जा रही है इसका काम अंतिम चरण पर है इससे पूर्व हाईकोर्ट ने शासन से जिलों में हो रहे सुधार और कार्य योजना और एक शपथ पत्र देने को कहा था…
