पहली बार पुलिस में एक साथ 35 अधिकारियों को संशोधन, दागदार अफसरों को मिला विभाग..बिना ज्वाइन किए ही संशोधन कराकर लौट गए टीआई और अधिकारी..

रायपुर / नई साय सरकार ने शपथ के दो माह बाद प्रशासन और पुलिस में बड़ी सर्जरी की। पिछले सरकार में मलाईदार और प्रभावशाली पदों में रहे अधिकारियों को हटा दिया गया। कुछ को बिना विभाग के बैठाया तो कुछ को नक्सल क्षेत्र में पोस्टिंग की गई। दावा किया गया था कि पिछली सरकार में जिनके साथ अन्याय हुआ और लुपलाइन में रहें। उन्हें फ्रंट लाइन में लाया जाएगा। सरकार द्वारा जारी तबादला सूची देखकर ऐसा ही लगा। कर्मचारियों से लेकर अधिकारी और संगठन व सत्ता में खुशी भी थी, लेकिन 10 दिन के भीतर सूची बदल दी गई। थोक में पुलिस, प्रशासन और अन्य विभाग में संशोधन कर दिया गया। इससे सरकार की मंशा पर भी सवाल उठ रहा है कि क्या तबादला करते समय विचार नहीं दिया गया या अधिकारियों से चर्चा नही की गई। पुलिस विभाग में एक दिन में ही 35 अधिकारियों से ज्यादा का संशोधन किया गया है। भ्रष्टाचार के आरोप में खाली बैठाए गए आईएएस को भी अच्छा विभाग दे दिया गया। पीएचई, पीडब्ल्यूडी, परिवहन, पंचायत से लेकर सभी विभाग में यही रहा।
बिना ज्वाइनिंग किए संशोधन
शनिवार को 15 से ज्यादा इंस्पेक्टर, 12 डीएसपी और 8 एएसपी का संशोधन किया गया है। इसमें जिन एएसपी को कैंप और नक्सल प्रभावित इलाके में भेजा गया था। सिर्फ अब कैंप में भेजे गए 6 में से से तीन अधिकारी का ही संशोधन नहीं हुआ है। बाकि संशोधन करा लिए हैं। उन्हें वापस लौटा दिया गया है। जिनका ट्रांसफर हुआ है किसी ने अब तक ज्वाइन नहीं किया है। अधिकांश लोग बिना ज्वाइन के ही वापस आ गए हैं। जबकि ट्रांसफर में इतनी विसंगती है कि रायपुर सिविल लाइन सीएसपी, डीएसबी, खैरागढ़ एसडीओपी, गंडाई, एटीएस चीफ, समेत कई पद खाली हैं।

राज्य में ट्रांसफर उद्योग चलने का आरोप

पिछले सरकार पर भ्रष्टाचार और ट्रांसफर उद्योग चलाने का आरोप लगाकर भाजपा सत्ता में आई है। लेकिन पिछले 3 माह की साय सरकार पर भी ट्रांसफर उद्योग चलाने का आरोप लगने लगा है। पुलिस और प्रशासनिक महकमे में चर्चा है कि जिनका संशोधन हुआ है कि उन्होंने पवारफुल जगह में पदस्थ ओएसडी और निज सचिव को मोटी रकम दी है। तभी कुछ टीआई व अधिकारी पहले ही दावा कर रहे थे कि उनका आदेश निरस्त हो जाएगा। पुरानी जगह पर ही रहेंगे। इसकी संघ में भी शिकायतें की गई। लोगों में चर्चा है कि कांग्रेस सरकार की राह में भाजपा सरकार भी हैं।