
बिलासपुर। लिव इन रिलेशनशीप लव मैरिज के एक स्टेप पीछे की एक कड़ी है। मैरिज कर लेना अच्छी बात है , लेकिन मोर देन 6० -65 केसेस में भागकर शादी करने के साल भर के अंदर आयोग कोर्ट और थाने कचहरी का चक्कर लगाना यही काम हो रहा है । लड़कियां अधिकांश एकदम इंतजार करती है कि कैसे 18 साल पूरे हो और लड़का 21 साल का और भागकर आर्य समाज का सहारा लेकर शादी कर ले ।आज की तारीख में सुप्रीम कोर्ट ने भी आर्य समाज की शादी को अवैधानिक करार दे दिया है। तो हमारी जिम्मेदारी इस बात की भी है कि पूरे प्रदेश में कोई भी बच्ची के दिमाग में ऐसी कोई बात आ रही हो कि मै भी जाकर लव मैरिज करुंगी तो उनको दाल आटे का भाव पता लगाना और समझाना हमारी जिम्मेदारी है ।क्योकि सब हवा हवाई चलते है। फिल्मी तरीके के चक्कर में पड़कर लड़कियां अपना जीवन बर्बाद कर रही है और लड़के भी अपना जीवन बर्बाद कर रहे है ।पढ़ने लिखने की उम्र में शादी करने की जल्दबाजी न करे पहले अपना कैरियार बना ले एक दूसरे को ठोक बजा ले उसके बाद शादी करें,नही तो एक दूसरे को जिदगी भर ठोकते रहेंगे।
यह बातें छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर किरणमई नायक ने प्रार्थना भवन सिंचाई विभाग में आयोजित प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि रीति-रिवाजों से की गई शादी कामयाब होती है।जिले से प्राप्त आवेदनों शिकायतों एवं पीड़ित महिलाओं को सुनवाई के संबंध में मीडिया को जानकारी देते हुए उन्होंने बिलासपुर जिले के दो दिनों की मामले को बताया। उन्होंने बताया की पूरे छग में उनके कार्यकाल की 175 वी जनसुनवाई है।
दो दिन में 35 _35 मामले रख गए थे । कल 35 में 32मामले नस्ती बद्ब हो गए अभी के आंकड जडें नही है। गुश्रवार के इंट्रे स्टींग प्रकरण में पहला प्रकरण 19_2० साल की बच्ची ने अपने पिता के खिलाफ लगाया था। ऊसकी मा से पिता का दस साल पहले डिवोर्स हो चुका था। बच्ची बड़ी हो गई है पढ़ना लिखना चाहती है। और फाइनेशियल हेल्प के लिए पिाा से संपत्ति में हक मांग रही है।पिता व्याख्याता है मां टीचरशीप कर रही है उसके पिता और दादा ने माना कि बच्ची को जो देना चाहते हैं।उसका हम दस्तावेज लेकर उपस्थित होंगे। और उसके पिता को निर्देशित किया कि कि शासकीय दसावेजो में अपनी बेटी का नाम दर्ज कराए क्योकि माता पिता का तलाक होता है बेटी का पिता से तलाक नही हो सकता। इसलिए अब बेटी संपत्ति में नेचुरल उत्तराािकारी है पहली पत्नी ने यह भी आरोप लगाया कि बेटी पैदा हो रही है बेटा नही है इसलिए उसने दूसरी शादी की जिससे दो बेटिाया है। चुकी वह साइंस का व्याख्याता है । तो उसने माना कि बेटी पैदा करने के लिए पुरुष जिम्मेंदार होता है मा कभी जिम्मेदार नही होमी। एक इंटरनल कंम्प्लेन कमेटी का प्रिंसीपल का व्याख्याता ने किया था।उस मामले मेंउनको इंटरनल कंम्प्लेन कमेटी से कार्यवाही के लिए प्रक्रिया चालू हो गई है।उसपे पार्टिसिपेट करने के लिए कहा गाा है। एक प्रकरण था जिसमें यहां के एक हास्पीटल में मोटरसाइकिल के साइलेंसर से जलने की घटना थी मरीज का इलाज किाा और उसकी मृत्यु हो गई थी मृतक की पत्नी नेने उस हास्पीटल के संचालक और हास्पीटल के डॉक्टर्स के खिलाफ कंप्लेन प्रस्तुत किया था।और मुआवजा मांग रही थी।अभी आऊट ऑफ फोर्स उन लोगों ने सटल् कर लिया है 12 लाख रुपए में याहां पर कुछ जानकारी मंगाना बहंत जरुरी है। कि उस हास्पीटल का संचालक एक नान प्रेक्टिशनिंग जो डाक्टर नही है उसने हास्पीटल खोल लिया है।उसके अंडर में डॉक्टर काम करते हैं। अब हम मेडीकल काऊसिक्ली और सीएचएमओ बिलासपुर की और थाने में जो घटनाक्रम में जानकारी हुई है उसकी रिर्पोट मंगाने के लिए प्रकरण को रखा हुआ है। आवेदिका पैसा लेकर केस वापस लेना चाहती है ऐसे मामलो को हम बढ़ावा नही दे सकते।जब तक संतु ष्ट नही हो जाएंगे वो हास्पीटल इलाज करने के लिए पर्याप्त है या नही तब बl तक इस केस को हम नसीबद्ब नही ह करेंगे। जांच मे रखा है।

