
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का किया निरीक्षण, डॉक्टरों को बेहतर उपचार के लिए निर्देश
बिलासपुर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश शुक्ला ने शनिवार को मस्तूरी क्षेत्र के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किए। इस दौरान उन्होंने ओपीडी में आने वाले मरीजों से स्वास्थ सुविधा की जानकारी ली। चिकित्सकों को बेहतर उपचार के निर्देश दिए। मस्तूरी के मानिक चौरा और कोकड़ी गांव में डायरिया के तकरीबन 27 मरीज मिले। इसके साथ ही आई फ्लू के मरीज सामने आ रहे हैं जिसे लेकर के सीएमएचओ डॉ.शुक्ला ने सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। डायरिया पीड़ितों से सीएमएचओ ने पीने के पानी में क्लोरीन का उपयोग करने को कहा। इसके अलावा बासी भोजन नहीं खाने, पानी हमेशा उबालकर पीने, और समस्या आने पर आसपास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर से सलाह लेने को कहा। डॉ. शुक्ला ने मस्तूरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान नोडल अधिकारी डॉ. बीके वैष्णव, मस्तूरी बीएमओ डॉ. नंदराज कवर, अंधत्व निवारण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. शुभा गढेवाल, सहायक नगर अधिकारी विजय प्रताप सिह, नौशाद अहमद, प्रवीण शर्मा सहित अन्य अधिकारी- कर्मचारी मौजूद रहें।
नवोदय विद्यालय में आई फ्लू प्रभावित बच्चों से की मुलाकात
जवाहर नवोदय विद्यालय मल्हार में 14 जुलाई को यहां पढ़ने वाले बच्चों में आई फ्लू की समस्या सामने आई मस्तूरी बीएमओ से जानकारी मिलने के बाद सीएमएचओ डॉ शुक्ला ने यहां नेत्र चिकित्सक की टीम गठित कर भेजी थी। शनिवार को मस्तूरी निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ डॉ राजेश शुक्ला यहां पहुंचे उन्होंने बच्चों से बात की। सीएमएचओ ने 14 जुलाई से अब तक 168 बच्चों को आई फ्लू से प्रभावित होनक जानकारी दी जिसमें से 4 बच्चों को सिम्स में भर्ती कराया गया था, अब उपचार के बाद सभी बच्चे स्वस्थ हैं।
घबराओ नहीं बरते सावधानी: डॉक्टर शुक्ला
सीएमएचो शुक्ला का कहना है कि बारिश के दिनों में कई प्रकार के बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं ऐसे में जल जनित बीमारियों के चपेट में लोग आते हैं। इस बार शहर में आई फ्लू के भी मरीज मिल रहे हैं। जिसमें घबराने की बात नहीं हैआसपास के सरकारी अस्पताल में जाकर लाभ प्रा’ किया जा सकता है।
मस्तूरी विधायक ने की चर्चा
मस्तूरी विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने विकास खंड चिकित्सा अधिकारी से इसकी चर्चा की एवं मस्तूरी में एक सूचना केंद्र बनाने के निर्देश दिए जिससे बीमार लोगों की सूचना आते ही उन्हें तत्काल इलाज मुहैया कराया जा सके साथ ही एक कम बैक टीम का भी गठन हों जो प्रभावित गांव में जा कर त्वरित इलाज की व्यवस्था कर सके।

