
साहित्यकारों के लिए ये समय सृजन का काल है – डा. विनय कुमार पाठक
बिलासपुर।जी डी फाउंडेशन छत्तीसगढ़ प्रांत के तत्वावधान एवं डा. रश्मि लता मिश्रा जी के सफल संयोजन में श्रावणी काव्य गोष्ठी एवं कवि समागम का आयोजन डा. विनय कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष राजभाषा आयोग के मुख्य आतिथ्य डा प्रियंका त्रिपाठी संस्थापिका अर्णव प्रकाशन की अध्यक्षता एवं श्री विजय तिवारी वरिष्ट साहित्यकार, डा राघवेंद्र दुबे प्रांतीय अध्यक्ष तुलसी साहित्य अकादमी के विशिष्ट आतिथ्य में गीता पैलेस सरकंडा में संपन्न हुआ। गौरतलब है की जी डी फाउंडेशन साहित्य के साथ साथ सामाजिक समरसता एवं जागरूकता के आयोजन भी करते रही है। कार्यक्रम की शुरुवात मा भारती के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर किया गया। अतिथियों के स्वागत पश्चात कार्यक्रम में शहडोल से पधारी दुष्यंत कुमार सम्मान से सम्मानित कवयित्री डॉ. प्रियंका त्रिपाठी को अंगवस्त्र एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा पाठक ने कहा की श्रावण का यह महीना रचनाकारों के लिए सृजन का काल है, अनेकों रचनाकारों ने ढेरो कालजई रचनाएं इस कालखंड में लिखी है, अध्यक्षता कर रही डा. प्रियंका त्रिपाठी ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा की एक साहित्यकार सदैव समाज को सही दिशा देने में अपना विशिष्ट योगदान देता है इसलिए अपनी लेखनी की धार को पैनी बनायें, शब्दों का सही और सार्थक प्रयोग करें। काव्य गोष्ठी में किशोरी साहू, उषा किरण वाजपेई, डा राघवेंद्र दुबे, बसंत पांडेय, प्रदीप मालेवर, राकेश अयोध्या, रश्मि अग्रवाल, अंजनी कुमार तिवारी, डा रश्मि लता मिश्रा, शोभा चाहिल, सुनील दत्त मिश्रा, अमृत लाल पाठक, मंजुला शिंदे, जलेश्वरी वस्त्रकार, दिलीप कुमार वस्त्रकर, विजय तिवारी, दिनेश्वर जाधव, लेखनी जाधव, धनेश्वरी सोनी, राजेंद्र रूंगटा, बालमुकुंद श्रीवास, संतोष शर्मा, ने श्रावण मास पर अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का सफल संचालन फिल्म निर्माता निर्देशक श्री सुनील दत्त मिश्रा ने एवं आभार प्रांतीय उपाध्यक्ष मंजुला शिंदे ने किया।

