

बिलासपुर। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश में 9 अक्टूबर से आदर्श अचार संहिता लागू हो गई हैं। नियमों के मुताबिक अब लाभ के किसी भी कार्य को क्रियान्वित नही किया जा सकता ना ही प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित किए जाएंगे। बावजूद इसके नियमों की अनदेखी करते हुए राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित नवा रायपुर के द्वारा पत्र जारी कर पूरे राज्य के प्रत्येक जिले के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं इस कार्य मे लगे स्व सहायता समूह के सदस्यों का कार्यशाला दिनांक 20 एवं 21 अक्टूबर को वन धन भवन नवा रायपुर में आयोजित किया गया।जो कि आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन हैं एवं वहाँ पदस्थ विगत 5 से 6 वर्षो से एक ही पद पर जमे हुए वरिष्ठतम अधिकारी के दबाव में आकर वन वृत्त जगदलपुर,वन वृत्त सरगुजा, दुर्ग वन वृत्त के द्बारा हर्बल उत्पाद विक्रय कराये जाने हेतु वृत्त स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।जिसमें समस्थ क्षेत्रीय अधिकारियों, कर्मचारियों एवं लाभार्थी उपस्थित थे।जो कि प्रदेश में लगे हुए आदर्श आचार संहिता को घोर उल्लंघन उक्त अधिकारी द्वारा कराया गया हैं।







सूत्रों कि मानें तोह लघु वनोपज संघ का प्रशिक्षण कार्यक्रम तीनों वृत्त में वन विभाग के मुख्यालय बैठे एक बड़े अधिकारी के कहने से निर्धारित किया गया।प्रशिक्षण कार्यक्रम चालू होने के बाद ऐसे निष्क्रिय अधिकारियो को होश आया कि आचार संहिता पूरे प्रदेश में लगी हुई हैं और चुनाव आयोग इस हो रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के संचालित होने से वन विभाग के अधिकारियों के ऊपर बड़ी कार्यवाही हो सकती तब जाकर वन विभाग के अधिकारियों ने दूसरे दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य के तीनों वन वृत्तों में स्थगित कर दिया गया।अब देखना यह हैं कि चुनाव आयोग इस मामले में इन लापरवाह अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करता हैं या फिर इन अधिकारियों को ऐसी ही मनमानी करते रहने के लिए बिना कार्यवाही किये छोड़ता हैं।
प्रदेश में होने वाले चुनाव को देखते हुए वन विभाग के लगभग 16 से 18 आई.एफ.एस.(IFS) अधिकारी संदेह के घेरे में हैं।ये सारे अधिकारी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पदस्थ हैं और इन अधिकारियों पर प्रदेश में हो रहे चुनाव के लिए एक बड़े पार्टी के लिए कार्य करने का आरोप शिकायत कर्ता ने लगाया हैं।इन अधिकारियों की शिकायत चुनाव आयोग पर की हैं।

