

रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रुप में प्रदेश के आदिवासी नेता विष्णुदेव साय पर दांव लगाया हैं। भाजपा ने यहां चुनाव से पहले किसी को सीएम के चेहरे को पेश नहीं किया था। पूरा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर लड़ा गया। लेकिन जीत के बाद एक हफ्ते तक रायपुर से दिल्ली तक सीएम के चेहरे को लेकर मंथन का दौर चला। अब पार्टी ने इस रेस में आदिवासी समाज से आने वाले विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगा दी हैं। 21 फरवरी 1964 को जयपुर जिले के ग्राम बगिया में कृषक परिवार में जन्मे विष्णु देव साय के पिता का स्वर्गीय राम प्रसाद साय और माता श्रीमती जसमनी देवी हैं। साय ने लोयला हायर सेकंडरी की परीक्षा कुनकुरी जशपुर से पूरी की। 1989 में अपने गांव बगिया से पंच पद से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 27 मई 1991 में उनका विवाह श्रीमति कौशल्या साय से हुआ ।जिनसे उन्हें एक पुत्र और दो पुत्र भी हैं।


राजनीतिक पारी को आगे बढ़ाते हुए विष्णु देव साय 1990 में निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए इसके बाद में 1990 से 1998 तक तपकरा से विधायक चुनकर मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे।इसके बाद 1999 से 13वीं लोकसभा के लिए लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। इसके बाद भाजपा ने उन्हें 2006 में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया 2009 में 15 वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से फिर से सांसद बने 2014 में 16वीं बार रायगढ़ से सांसद बने इस बार केंद्र में मोदी सरकार ने उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री इस्पात खान श्रम रोजगार मंत्रालय बनाया । वे 2019 तक इस पद पर रहे ।पार्टी ने 2 दिसंबर 2022 को उन्हें राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया इसके बाद साय ने 8 जुलाई 2023 को भाजपा ने राष्ट्रीय कार्य समिति का सदस्य बनाया 2020 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे। सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे। संघ के करीबी नेताओं में उनकी गिनती होती हैं। इसी मजबूत प्रोफाइल की वजह से उन्हें पार्टी ने सबसे बड़ा पद दिया हैं।


