बिलासपुर।शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा कला एवं वाणिज्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय हिंदी विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर “वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा और राष्ट्रभाषा की उपादेयता” विषयक कार्यशाला का आयोजन डॉ. विनय कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग एवं कुलपति थावे विद्यापीठ गोपालगंज पटना के मुख्य आतिथ्य, डॉ श्यामलाल निराला प्राचार्य शासकीय जनुमा प्रसाद वर्मा स्नातकोत्तर कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय की अध्यक्षता एवं डॉ अरुण कुमार यदु वरिष्ठ कवि एवं समीक्षक, डॉ राघवेंद्र दुबे प्रांतीय अध्यक्ष तुलसी साहित्य अकादमी एवं डॉ विवेक तिवारी जिला समन्वयक छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के विशेष आतिथ्य में सोत्साह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ विनय कुमार पाठक ने सारगर्भित उदबोधन में कहा कि वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृ भाषा और राष्ट्रभाषा को जो महत्व दिया गया है, उससे भारतीय संस्कृति और जमीनी प्रकृति के अनुरूप शिक्षा का विकास कारगर होगा। उन्होंने आगे कहा कि मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा से विद्यार्थियों में मौलिक प्रतिभा के उन्नयन द्वारा उसमें सहजतः ज्ञान विज्ञान के सूत्र संग्रन्थित होंगे। उन्होंने अनेकानेक उदाहरण द्वारा मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा के महत्व को अनावृत्त किया। शिक्षाविद डॉ श्यामलाल निराला प्राचार्य ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित यह कार्यशाला अत्यंत प्रासंगिक है क्योंकि देश और प्रदेश में आगामी सत्र से इसका समारंभ होगा। डॉ अरुण कुमार यदु ने कहा कि राष्ट्र भाषा के माध्यम से शिक्षा का आशय भारतीय संस्कृति को प्रोन्नत करना होगा जो नई पीढ़ी को राष्ट्रवाद से जोड़ेगी। आज की बदरंग शिक्षा व्यवस्था में पाश्चात्य प्रभाव अधिक है। डॉ राघवेंद्र दुबे ने अपने सम्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा को लेकर जो कार्य किया है, उससे नयी शिक्षा नीति को सम्बल मिलेगा। डॉ विवेक तिवारी ने छत्तीसगढ़ी पढ़ने, लिखने और व्यवहार में लाने के पक्ष पर जोर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी को राजभाषा बनाकर ही अस्मिता को अक्षुण्ण रखा जा सकता है। कार्यशाला के प्रारंभ में सरस्वती वंदना तथा राजगीत की सुंदर प्रस्तुति हिंदी विभाग के विद्यार्थियों द्वारा दी गई। अतिथियों के स्वागत के पश्चात कार्यशाला में विषय प्रवर्तन डॉ परमजीत पाण्डेय संचालन गणेश निर्मलकर और अंकिता तथा आभार प्रदर्शन प्रीति शर्मा व शबीना ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों के साथ महाविद्यालय के विद्यार्थी गण विशेष रूप से उपस्थित थे।


