
व्यवस्था में सुधार नही करने पर कलेक्टर कार्यालय घ्ोराव करने की दी चेतावनी
बिलासपुर। बारिश शुरु होते ही लगातार बिजली कटौती की जा रही है। कई घंटे तक लाइट बंद रहता है, इससे शहर से लगे ग्राम हरदी कला के ग्रामीण हलाकान है। रात में लाइट बंद होने से सांप बिच्छू का डर बना रहता है। वहीं इन दिनों मच्छर से पनप रहे बीमारी मलेरिया का भी खतरा बना हुआ है। महिने भर से क्ष्ोत्र में हो रहे बिजली कटौती से परेशान ग्रामीणों ने तिफरा विद्युत मंडल कार्यालय में ज्ञापन सौंपा और व्यवस्था दूरूस्त नही करने पर कलेक्टर कार्यालय का घ्ोराव करने की चेतावनी दी।
ज्ञापन सौंपने वालों में ज्यादातर छात्र थ्ो । ग्रामवासी शशीकांत बर्मन ने बताया कि गांव में माह भर से बिजली की आंख मिचौली चल रही है। कई बार ट्रांसफार्मर खराब हो जाता है, जिसकी मरम्मत लेटलतीफी से की जाती है। बिजली विभाग में कॉल करने पर रुक जाओ , हो जाएगा बाद में कॉल करते हैं या कभी कर्मचारी नही है कहकर टाला जाता है। कई बार तो रात रात भर लाइट नही आती और दिन में कई बार बिजली गुल रहती है, इससे छात्रों की पढ़ाई भी बाधित रहती है। और रात में लाईट बंद रहने से गर्मी की तकलीफ के साथ ही मच्छर का खतरा भी बना रहता है। वहीं बिजली विभाग की अनदेखी और मनमानी से इससे ग्रामीणों में आक्रोश है।
ढाई घंटे इंतजार के बाद मिले अधिकारी
ग्रामवासियों के मुताबिक बिजली विभाग का कहना है एक ही गांव को लगातार बिजली देने से ट्रांसफार्मर जल जाता है, इसीलिए कटौती कर आसपास के गांव में बिजली सप्लाई की जाती है। बहरहाल बार बार शिकायत के बावजूद किसी तरह की पहल नही करने से आक्रोशित ग्रामीण ने शुक्रवार को तिफरा स्थित बिजली कार्यालय गए जहां उन्हें उपस्थित कर्मचारी द्बारा अधिकारियों के मिटिंग में रहने की जानकारी दी गई। ढाई घंटे इंतजार करने के बाद ग्रामीणों से कार्यपालन यंत्री राजेश कुमार चौहान मिले जिन्हें ज्ञापन सौंपा गया साथ ही बिजली अव्यवस्था में सुधार नही किए जाने पर कलेक्टर कार्यालय का घ्ोराव करने की बात कही गाई। जिस पर कार्यपालन यंत्री ने तुरंत सुधार के निर्देश दिए। ज्ञापन सौपने वालों में केशव पांडेय, राध्ो पांडेय,अमन रजक और अन्य ग्रामीण शामिल थ्ो।
चार पांच दिन से खबर मिल रही थी पानी गिरने से ओवरलोड हो रहा था आज करंट ट्रांसफार्मर बदल दिया गया है।
कार्यपालन यंत्री राजेश कुमार चौहान
संयुक्त मोर्चा के आवाहन पर कंपनी के अधिकारी रहे अवकाश पर
एक ओर आम जन बिजली की अव्यवस्था से हलाकान रहे वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ राज्य पावर कम्पनी में पुरानी पेंशन बहाली के लिए संयुक्त मोर्चा के आवाहन पर कम्पनी के अधिकारी एवं कर्मचारी शुक्रवार को एक दिवसीय सामूहिक अवकाश पर रहे। इस हड़ताल में छग राविमं पत्रोपाधी अभियंता संघ, छग स्टेट पावर कं आफिसर्स एसोसियेशन, छरा विमं आरक्षित वर्ग अधि-कर्म. संघ, विद्युत कर्मचारी संघ, छग तकनीकी विद्युत कर्मचारी एकता यूनियन, छरा पावर कं डॉक्टर एसोसियेशन और छग स्टटे पावर कंपनी स्टेनोग्राफ़र एसोसियेसन के कर्मचारी शामिल रहे।
संयुक्त मोर्चा में ये नही रहे शामिल
सामूहिक अवकाश में छरा विद्युत कर्मचारी जनता यूनियन, छरा अभियंता संघ , छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी संघ- महासंघ छरापा कं संविदा कर्मचारी संघ शामिल नहीं हुए।
अवकाश का आम जनों पर नहीं
कार्यपान यंत्री राजेश कुमार चौहान ने बताया कि संयुक्त मोर्चा द्बारा लिए गए अवकाश को मैनेजमेंट की ओर से अस्वीकृत कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों के हड़ताल का आम जनों पर हमने असर नही होने दिया है। सभी हड़ताल पर नहीं गए थ्ो। सिस्टम किसी एक के भरोसे नही चलता हमारे जेई और एई लगातार फिल्ड पर मौजूद थ्ो। विभागीय सूत्रों ने यह भी बताया कि अब सभी क्ष्ोत्रों में ठेका कर्मचारी काम कर रहे हैं, फ्युज कॉल सेंटर में भी ठेका कर्मचारी बैठते हैं तो एक दिवसीय अवकाश का खासा असर नही पड़ेगा। वहीं अब कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर छह सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।
पेंशन बहाली को लेकर 28 जुलाई को रायपुर में राज्यस्तरीय प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन दिया गया था और 18 अगसत को सामूहिक अवकाश करने की जानकारी भी दी गई थी। जबकि मांग पूरी नही होने होने पर छह सितंबर को अनिश्चतकालीन हड़ताल करने की चेतावनी भी दी गई थी। जिस पर छग राज्य स्टेट पावर कंपनी द्बारा हड़ताल, धरना प्रदर्शन अथवा अवकाश पर जाने वाले कर्मचारियो की वेतन कटौती करने का निर्देश दिया गया था। साथ ही उस दिन को ब्रेक इन सर्विस माना जाएगा ऐसी चेतावनी दी गई थी।
छह सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल
मोर्चा कने कहा है कि सामूहिक अवकाश के बाद भी कंपनी पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के संबंध में सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है तो कंपनी के अधिकारी- कर्मचारी छह सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे। राजस्थान, हिमाचल प्रदेश में राज्य शासन के कर्मचारियों के साथ-साथ संबंधित राज्य की पावर कंपनियों में भी पुरानी पेंशन योजना बहाल की जा चुकी है।

