बिलासपुर।गायत्री शक्तिपीठ विनोबानगर में गीता जयंती के उपलक्ष में विद्यार्थियों के लिए प्रश्न मंच का कार्यक्रम रखा गया एवं उनके उत्साह वर्धन के लिए साहित्य भी भेंट किया गया। गीता पर आधारित कथा कहानियों के साथ द्वारिका प्रसाद पटेल ने बताया कि अपने जीवन में हर समस्या को एक योगी की तरह कैसे हल करना है, इसे हमें भगवान योगेश्वर कृष्ण के जीवन से सीखना है। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक युगदृष्टा , युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने वर्तमान युग को समझने और अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए युग व्यास बनकर लगभग 3200 साहित्यों की रचना विभिन्न विषयों पर किए हैं, जो हमारे लिए पठनीय और अनुकरणीय है। वसुधैव कुटुंबकम् को साकार करने के लिए एक राष्ट्र, एक धर्म, एक संस्कृति व एक भाषा होनी चाहिए,इसके लिए सभी अपना युग धर्म निभाएं। श्रीमद् भागवत गीता के संदर्भ में परम पूज्य गुरुदेव के विचारों को संकलित करके वर्तमान अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख परम श्रद्धेय डॉ. प्रणव पंड्या ने वर्तमान युग धर्म को समझने के लिए *युगगीता* हम सभी के लिए प्रकाशित कराया है, जिसे हम सबको अवश्य ही पढ़ना चाहिए।समस्याओं को सुलझाने के लिए एक योगी की तरह कर्तव्य निभाएं, गीता जयंती हमें यही बता रही है कि अपनी युग धर्म को पहचाने, अनीतियों से जूझने की सामर्थ्य बढ़ाएं और समभाव-संवेदना जगाकर, सद्बुद्धि अपनाकर लोकहित की राह में बढ़ चलें।


