
बिलासपुर।स्थानीय गायत्री शक्तिपीठ विनोबानगर में 10 दिवसीय निशुल्क प्रशिक्षण सत्र एवं कार्यशाला आयोजित किया गया है। इस प्रशिक्षण सत्र में यज्ञ- कर्मकांड , संस्कार के अंतर्गत शुद्ध उच्चारण के लिए विशेष रुप से ध्यान में रखकर लयबद्ध रूप से सिखाया जा रहा है । इसके साथ ही संगीत के अंतर्गत संगीत- ढपली, तबला, हारमोनियम आदि वाद्य यंत्रों के साथ भाषण- संभाषण का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।
मीडिया प्रभारी द्वारिका प्रसाद पटेल ने बताया कि इस प्रशिक्षण सत्र एवं कार्यशाला के माध्यम से सभी लोगों को यज्ञ- संस्कार के बारे में जानकारी देकर यज्ञ परंपरा के अनुसार सब लोगों को हमारी प्राचीन संस्कृति से अवगत कराना है, यज्ञमय जीवन जीने के लिए प्रेरणा देना है।अंतर्राष्ट्रीय गायत्री परिवार के संस्थापक परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने कहा है कि-” मानव मात्र एक समान । एक पिता की सब संतान ।।” “हम सुधरेंगे – युग सुधरेगा ।” “अपना सुधार संसार की सबसे बड़ी सेवा है।” इस प्रशिक्षण सत्र के माध्यम से प्रशिक्षित होकर “ग्रामें- ग्रामें गायत्री यज्ञ: और गृहे-गृहे गायत्री उपासना ” को साकार करें क्योंकि सतयुग आएगा कब …? जन-जन चाहेगा तब । इस प्रशिक्षण सत्र को गायत्री शक्तिपीठ के ट्रस्टीगण, कार्यकारिणी समिति के सदस्य, एवं सक्रिय कार्यकर्ता लोगों को प्रशिक्षित कर रहे हैं , देश सेवा और भक्ति भावना जागृत कर श्रेष्ठ नागरिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है l प्रशिक्षक के रूप में मुख्य रूप से रामकुमार श्रीवास, शत्रुघ्न कश्यप, नंदिनी पाटनवार , आशा सुल्तानिया, लखन सिंह राजपूत, द्वारिका पटेल , गणेश श्रीवास, वेदप्रकाश थवाईत, भारती कश्यप, डॉ. प्रियंका नेताम, का विशेष योगदान सराहनीय है । आज के संगीत में श्री लखन सिंह ने देशभक्ति युगसंगीत “त्याग तितिक्षा का रंग है यह , सुनो जगत वालों ।….. बसंती चोला रंग डालो ।। ” और विशेष उद्बोधन के अंतर्गत गायत्री परिवार के वरिष्ठ सदस्य श्री के. पी. सिंह ने विद्यार्थियों को आशीर्वचन के अंतर्गत अध्यात्म को जीवन में उतारने की कला के साथ स्वस्थ और सेवाभावी बनने का गुण बताए ।

