* गायत्री परिवार समाज में धरातल स्तर पर भारतीय संस्कृति के नैतिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक उत्थान का कार्य कर रही है – ” डॉ. संजना तिवारी”
*गायत्री परिवार द्वारा शिक्षा के साथ संस्कृति एवं संस्कार के समन्वय का अभियान प्रसंशनीय है – “प्रोफ़ेसर श्रीमती प्रतिभा मिश्रा”
बिलासपुर।अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज के तत्वावधान में संचालित भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा प्रकोष्ठ जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ के द्वारा गायत्री शक्तिपीठ विनोबानगर, बिलासपुर में भा. सं. ज्ञान परीक्षा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत विगत वर्ष 2022 में संपन्न हुए परीक्षा के राज्य एवं जिला स्तर पर प्रथम एवं द्वितीय स्थान वरीयता प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को तथा भारतीय संस्कृति के पुरोधा व संस्कृति प्रसारक समस्त शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
श्री द्वारिका प्रसाद पटेल ने बताया कि गायत्री मंत्र के साथ दीप प्रज्ज्वलन करके अतिथियों का स्वागत सत्कार हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में समाज सेविका श्रीमती रितु- शैलेश पाण्डेय, डॉ. संजना तिवारी (वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ संजीवनी हॉस्पिटल बिलासपुर), विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती प्रतिभा मिश्रा (प्रो. गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर), श्रीमती उर्मिला विश्वकर्मा (सहा. प्रबंध ट्रस्टी गायत्री शक्तिपीठ विनोबानगर), श्रीमती आशा सुल्तानिया (नारी जागरण प्रमुख बिलासपुर), श्रीमती नूरीता कौशिक, श्री सी. पी. सिंह (ट्रस्टी ), डॉ. हेमंत कौशिक (प्रांतीय कार्यकारिणी संगठन समिति सदस्य), श्री हरि पटेल (जिला समन्वयक जी.पी.एम. ), गायत्री साहू (जिला समन्वयक मुंगेली), श्री बृजेश सिंह (वरिष्ठ साहित्यकार), श्री गोविंद राम मिरी (पूर्व सांसद), श्री प्रदीप कौशिक की उपस्थिति रही। अतिथियों के स्वागत उपरान्त संगीत टोली द्वारा प्रज्ञागीत प्रस्तुत किया गया तथा नंदिनी पाटनवार (जिला समन्वयक बिलासपुर) द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया। तत्पश्चात आगंतुक अतिथियों द्वारा उद्बोधन प्रस्तुत किया गया। डॉ. संजना तिवारी ने गायत्री परिवार द्वारा भारतीय संस्कृति के संवर्धन एवं सरंक्षण हेतु चलाये जा रहे भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा अभियान की सराहना करते हुए कहा कि गायत्री परिवार समाज में धरातल स्तर पर भारतीय संस्कृति के नैतिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक उत्थान का कार्य कर रही है ,जो अपने आप में बहुत ही सराहनीय प्रयास है, जिसका परिणाम यह है कि विभिन्न अभियानों द्वारा लोगों युवा पीढ़ी में जागरूकता के साथ अपने संस्कृति के प्रति एक सक्रियता और सजगता देखने को मिल रही है। श्रीमती नूरीता कौशिक ने कहा कि वर्तमान में जो समय चल रहा है उस हिसाब से देखें तो भा. सं. ज्ञान परीक्षा जैसी पहल वाकई आवश्यक हो जाती है ,जिससे आने वाली पीढ़ी के मध्य अपने भारत की संस्कृति का परिचय कराया जा सके। प्रोफ़ेसर श्रीमती प्रतिभा मिश्रा ने बताया कि शिक्षा के साथ संस्कार एवं जीवन जीने की कला व विद्या देने का कार्य गायत्री परिवार भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के माध्यम से, जीवन निर्माण के विभिन्न कार्यशालाओं के माध्यम से निरंतर करता आरहा है जो कि बिलासपुर छत्तीसगढ़ के लिए बहुत ही प्रशंसनीय है। मुख्य उद्बोधन के पश्चात् अन्य आगंतुक अतिथियों ने भी उपस्थित सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों हेतु आशीर्वचन प्रदान किये। उद्बोधन क्रम के उपरान्त 2022 की परीक्षा में विभिन्न कक्षाओं के क्रम में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले समस्त विद्यार्थियों को मुख्य अतिथियों के कर कमलों द्वारा प्रमाण पत्र, स्मृति चिन्ह एवं प्रोत्साहन राशि देकर सम्मान किया गया। विद्यार्थियों के सम्मान के बाद भारतीय संस्कृति के पुरोधा शिक्षकों को भी प्रमाण पत्र, स्मृति चिन्ह, श्री फल एवं साहित्य प्रदान कर विशेष सम्मान दिया गया। कार्यक्रम का संचालन गायत्री परिवार दीया मण्डल सदस्य दीपिका साहू ने किया। अंत में जागेश्वरी साहू (जिला संयोजिका भा.सं. ज्ञान परीक्षा) द्वारा आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन एवं शान्तिपाठ द्वारा कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम की सफलता में जिला समन्वयक नंदिनी पटनवार,गणेश प्रसाद श्रीवास, रामगोपाल कश्यप, नलिनी कश्यप (सचिव), आर. एस. देवांगन का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में श्रीमती सविता तिवारी, साधु राम कौशिक, शारदा कश्यप, दीया मण्डल बिलासपुर के सदस्य देवेन्द्र साहू, दिव्यानी साहू, अविनाश साहू, वेद प्रकाश थवाईत, सौरभ पटनवार, आशुतोष यादव सहित बिलासपुर, मुंगेली, तखतपुर समेत अन्य स्थानों से गायत्री परिवार के परिजन, विद्यालयों-महाविद्यालयों के शिक्षकगण व अन्य परिजन शामिल हुए।


