बिलासपुर। प्रयास प्रकाशन, बिलासपुर एवं शासकीय पातालेश्वर स्नातकोत्तर महाविद्यालय मस्तुरी, बिलासपुर के संयुक्त तत्वावधान में ’किन्नर विमर्शः नाटक एवं सिनेमा के विशेष सन्दर्भ में’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। रंगकर्मी भरत वेद लिखित नाटक ’शिखण्डी’ का विमोचन अतिथियों द्वारा सम्पन्न हुआ। दो सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम के प्रथम व उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि किन्नर विमर्श पर आधारित अनेक कहानियों उपन्यासों के यशस्वी लेखक एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के निबंधक एवं प्रधान सचिव महेन्द्र भीष्म थे, बीज वक्तव्य छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष, प्रख्यात साहित्यकार और अनेक विमर्शों के व्याख्याता तथा विकलांग विमर्श के प्रवर्तक डॉ विनय कुमार पाठक विशेष अतिथी छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्रभूषण वाजपेयी, प्रो. पुनीत बिसारिया बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी, डॉ रामशंकर भारती पूर्व प्राचार्य झांसी, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विनोद कुमार वर्मा, डॉ अरुण कुमार यदु, डॉ. राघवेन्द्र दुबे तथा महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. भोजराम खूंटे थे।
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथी महेन्द्र भीष्म ने कहा कि – ‘‘आज वह समय आ गया है जब हमें किन्नरों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना होगा साथ ही उनकी शिक्षा और रोजगार के लिये चतुर्दिक प्रयास करना होगा।‘‘
डॉ. विनय कुमार पाठक ने भरत वेद के नाटक ‘शिखंडी’ को किन्नर पर लिखित प्रथम नाटक के रुप में स्थापित किया, इस घोषणा का समस्त अतिथियों ने समर्थन किया ।
प्रो. पुनीत बिसारिया तथा डॉ. रमाशंकर भारती ने किन्नरों के प्रति संवेदनात्मक वक्तव्य दिया। किन्नर विमर्श की लेखिका, कवयित्री, अभिनेत्री गीतिका वेदिका ने किन्नर पर लिखे अपने गीतों का सस्वर पाठ कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रथम तकनीकी सत्र प्रो. अंजू शुक्ला प्राचार्या, शिखंडी नाटक के रचयिता भरत वेद, कोटा राजस्थान से समीक्षिका सुश्री रिंकी ’रविकांत’, ज्योतिर्विद रविकांत शर्मा, लेखक कुशराज झांसी, कथाकार डॉ चंद्रिका चौधरी बिलासपुर, पूजा सिंह ओडिसा ने अपने आलेखों का पठन किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ आनंद कश्यप थे।
द्वितीय सत्र में डॉ. अरुण कुमार यदु, डॉ राघवेंद्र दुबे, डॉ विवेक तिवारी, अंजनी तिवारी, राम निहोरा राजपूत, सुखेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ प्रदीप निर्णेजक, डॉ उग्रसेन कन्नौजे, डॉ अंकुर शुक्ला, डॉ गीता तिवारी, डॉ स्वाती शर्मा, डॉ. प्रीति प्रसाद, श्रीमती संगीता बनाफर, सूरज प्रकाश दडसेना, अभिनेता विश्वनाथ राव तथा दिग्विजय पाठक ने अपने शोध आलेख सार प्रस्तुत किया। तत्पश्चात् महाविद्यालय द्वारा अतिथियों को प्राचार्य प्रो. भोजराम खूंटे द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। इस अवसर पर ‘पातालेश्वर सम्मान’ से रंगकर्मी भरत वेद, डॉ. अंजु शुक्ला, डॉ. चंद्रिका चौधरी एवं सूरज दडसेना को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर में डॉ. दुर्गा बाजपेयी, प्रो. एल.के. निराला, संयोजक डॉ आनन्द कश्यप, डॉ डी.के. सिंह, डॉ. सुजाता सैम्युअल, प्रो. भुवन सिंह राज, प्रो. नीता जौहर, प्रो. कांति अंचल, प्रो. एन.के. कुर्रे, प्रो. नवीन रेलवानी, प्रो. मंगल निराला प्रो. के.सी गेंदले, डॉ. पी.आर. टांडेकर, मुकेश बिहारी घोरे एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा छात्र-छात्राएँ विशेष रूप से उपस्थित थे ।


