
बिलासपुर. गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के तत्वावधान मे यूटीडी ए विंग में दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, विश्वविद्यालय चेन्नई और नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय इलाहाबाद के पूर्व कुलपति प्रो राम मोहन पाठक के विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मीडिया के न्यू ट्रेंड्स विषय पर मीडिया के छात्रों को संबोेधित करते हुए प्रो पाठक ने रीड एंड लीड का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि आज खोजी पत्रकारिता का दौर शुरू हो गया है, जिसमें पत्रकारों को गहराई तक जाकर तथ्यों को निकालना होगा।
प्रो. पाठक ने कहा कि पत्रकारिता का काम सूचना देने, शिक्षित करने, मनोरंजन करने के साथ ही लोगों को गाइड करना भी है। संघर्ष, साहस और जोखिम का दूसरा नाम ही पत्रकारिता है। अगर आप इसको करने को तैयार हैं तभी आपको पत्रकारिता के क्षेत्र में आना चाहिए, अन्यथा नौकरी करनी है तो उसके लिए बहुत सारे क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि जो रचेगा वो बचेगा और जो लिखेगा वो बचेगा। मीडिया का आज जो परिदृष्य दिखाई पड़ता है उसमें सतही ज्ञान से काम नहीं चलेगा। काम चलाउ ज्ञान अब पत्रकारिता में नहीं चलेगा, यह सुपरस्पेशिलिटी का दौर है। जैक आफ आल ट्रेड्स मास्टर आफ नन, यह पुरानी कहावत थी अब जैक आफ आल टेड्स मास्टर आफ वन का दौर है। किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल होना जरूरी है।
प्रो पाठक ने कहा, पत्रकारिता कल भी मिशन थी आज भी मिशन है। पत्रकारिता आज भी चैलेंजिंग है। सामाजिक सरोकारों से जुड़ी है। मीडिया का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का दौर बड़ा विचित्र है। मानवरहित न्यूज रूम हमारे लिए बहुत चैलेंजिंग है; लेकिन हमें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। एआई हमारे सारे काम कर सकता है लेकिन मानव मस्तिष्क कोई विकल्प नहीं हो सकता। आज के दौर में पत्रकारिता के लिए जो तैयार हो रहे हैं वो टेक्नोलाॅजी को जाने। लेकिन जो काम टेक्नोलाॅजी नहीं कर सकती उसके करने की कोशिश कीजिए, तब आपकी यह बात सही साबित होगी।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कला अध्ययनशाला के अधिष्ठाता प्रो ब्रजेश तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता के शुरुआती दौर में बताया जाता था कि भाषा सुधारनी हो तो अखबार पढ़िए। आज भी संचार के अनेक साधन है। इसके बावजूद प्रिंट मीडिया जो हमें संतुष्टी प्रदान करता है वह अन्य मीडिया से नहीं मिलती। संचार हमें विचारवान बनाता है।
व्याख्यान के आरंभ में विभागाध्यक्ष डाॅ धीरज शुक्ला ने प्रो पाठक का स्वागत किया। उन्होंने प्रो पाठक को नारियल व दुशाला भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर पत्रकारित एवं जनसंचार विभाग, हिन्दी विभाग के प्राध्यापकगण, शोधार्थी, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

