
बिलासपुर। ईलाज में लापरवाही बरतने व सबूत मिटाने के लिए अपोलो अस्पताल में काम कर रहे चार डॉक्टरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं, साथ ही अस्पताल प्रबंधन पर भी कार्रवाई की जाएगी।


दरअसल, अपोलो हॉस्पिटल में इलाज करा रहे मृतक गोल्डी छाबरा के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन एवं डॉक्टरों पर ईलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम की जांच में लापरवाही की पुष्टि होने पर अस्पताल प्रबंधन एवं ईलाज करने वाले चार डॉक्टरों जडॉक्टर देवेन्द्र सिह, डॉक्टर राजीव लोचन, डॉक्टर मनोज राय एवं डॉक्टर सुनील केडिया द्बारा ईलाज में लापरवाही बरतना पाया गया। जिस पर अपराध दर्ज किया गया था। जिसे शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया बाद में मुचलके पर छोड़ दिया गया।
गलत उपचार का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग कर रहे थे परिजन
मालूम हो की 25 दिसम्बर 2०16 को गोल्डी छाबड़ा के पेट में दर्द की शिकायत होने पर पिता परमजीत सिह छाबड़ा बेटे को अपोलो हॉस्पिटल लेकर पहुंचे।चिकित्सको ने गोल्डी का उपचार शुरू किया और दोपहर तक छु्ट्टी देने की बात पिता को कही। दोपहर से शाम और दूसरे दिन 26 दिसम्बर को चिकित्सको ने गोल्डी को मृत घोषित कर दिया था। उस दौरान चिकित्सको ने परमजीत सिह छाबड़ा को बताया था कि गोल्डी ने जहर सेवन किया है। मामले में परिजनो ने गलत उपचार का आरोप लगाते हुए लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
जांच में मृतक का पोस्टमॉर्टम सिम्स अस्पताल बिलासपुर से कराया गया।
मृत्यु के संबंध में संभागीय मेडिकल बोर्ड छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें विशेषज्ञों ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन एवं संबंधित डॉक्टरों द्बारा ईलाज के दौरान लापरवाही बरतने के संबंध में उल्लेख किया गया था. इस संबंध में डायरेक्टर संचालनालय मेडिकोलीगल संस्थान गृह (पुलिस) विभाग मेडिकोलीगल विशेषज्ञ एवं मेडिकोलीगल सलाहकार छत्तीसगढ़ शासन जेल रोड मेडिकल कालेज भवन रायपुर से 27.०9.2०23 को रिपोर्ट प्राप्त हुआ. रिपोर्ट में विशेषज्ञ ने डॉक्टर एवं अस्पताल प्रबंधन द्बारा लापरवाही किए जाने के संबंध में अलग-अलग बिन्दुओं पर उल्लेख किया गया हैं।
ऐसे लापरवाह डॉक्टरों की शिकायत इंडियन मेडिकल काँसिल में करनी चाहिए और इन डॉक्टरों का लाइसेंस रदद कर जेल की चार दीवारी में कैद कर तबियत से कूटना चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी डॉक्टर मरीज के जीवन से खिलवाड़ न कर सके।फिलहाल इस मामले में सभी डाक्टरों को गिरफ्तारी के बाद थाने से ही मुचलके पर छोड़ दिया गया हैं।अब देखना यह हैं कि अपोलो हॉस्पिटल का केंद्रीय प्रबंधन क्या इन चारों डॉक्टरों पर क्या कार्यवाही करता हैं या मामले को रफा-दफा करता हैं।इन चारों लापरवाह डॉक्टरों ने अपोलो हॉस्पिटल का नाम खराब किया हैं।इस मामले की वजह अपोलो हॉस्पिटल से लोगों का भरोसा उठ गया हैं।इस मामले में सरकंडा थाना प्रभारी की भूमिका संदिग्ध हैं।ऐसा क्या हुआ कि रात को ही इन चारों दोषियों को मुचलके में छोड़ देते हैं और इन चारों दोषी डॉक्टरों को बचाने में लगे हुए हैं।जबकि इस मामले में कोर्ट के आदेश से एफ.आई.आर.हुई हैं।सरकंडा थाना प्रभारी की इस हरकत की वजह से पूरा पुलिस महकमा बदनाम हुआ हैं।देखना यह हैं कि इस मामले में बिलासपुर एस.पी. सरकंडा थाना प्रभारी पर क्या कार्यवाही करते हैं।

