अपोलो हॉस्पिटल के चार डॉक्टर के खिलाफ सरकंडा पुलिस ने कोर्ट में पेश की चार्जशीट..

बिलासपुर /  बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में इलाज के दौरान लापरवाही के मामले में एक मरीज को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.. मृतक गोल्डी छाबड़ा के परिवार ने बिलासपुर के सरकंडा पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के इस मामले में कोर्ट में अपना चार्ट शीट पेश कर दिया है.. आईपीसी की धारा 304 ए के तहत दर्ज मामले में अपोलो के डॉक्टर राजीव लोचन भांजा, डॉ सुनील कुमार केडिया, डॉ. देवेंद्र सिंह और डॉक्टर मनोज राय की मुसीबतें बढ़ने लगी है.. छत्तीसगढ़ बिलासपुर के दयालबंद में रहने वाले परमजीत सिंह छाबड़ा ने अपने बेटे गोल्डी छाबड़ा की अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही की वजह से हुई मौत के मामले में दिनांक 7 सितंबर 2023 को सरकंडा थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी, बेटे की मौत के बाद पिता ने चार डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतेने और उनके बेटे के मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आईपीसी की गंभीर धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी, पुलिस ने जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया था, तकरीबन 2 महीने बाद सरकंडा पुलिस ने 29 दिसंबर को चारों डॉक्टरों राजीव लोचन भांजा, डॉ सुनील कुमार केडिया, डॉ. देवेंद्र सिंह और डॉक्टर मनोज राय की गिरफ्तारी की और मुचलके पर रिहा कर दिया था.. इस पूरे मामले में पुलिस ने जांच करवाई में यह स्पष्ट हुआ कि, उपचार में लापरवाही की गई थी, वहीं इस बात की भी स्पष्ट जानकारी मिली कि, पूरे मामले में बिलासपुर में स्थित अपोलो अस्पताल प्रबंधन की भी बड़ी लापरवाही थी.. वहीं इस बात की शिकायत उन्होंने पुलिस और प्रशासन की वरिष्ठ अधिकारियों तक की थी, पूरे मामले में कोर्ट जाने की तैयारी शुरू से की जा रही थी.. वही मृतक के भाई प्रिंस छाबड़ा ने बताया कि, सरकंडा पुलिस ने इस मामले में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने में काफी लंबा समय लगा दिया है.. वहीं इस मामले में सरकंडा पुलिस द्वारा कोर्ट में चार्ज शीट फाइल कर दी गई है, वहीं मृतक गोल्डी छाबड़ा के परिवार में न्यायालय पर भरोसा जताया है..