
बिलासपुर। सिधी सेंट्रल पंचायत व भारतीय सिधु सभा के सयुंक्त तत्वाधान में सिधी लोक संगीत दिवस का आयोजन रविवार सिम्स ऑडोटोरियम में किया गया। आने वाली पीढ़ी को अपने संस्कृति और लोककला की जानकारी से अवगत कराया जा सके। आयोजन में गुजरात और राजस्थान से पहंुचे कलकारों ने प्रस्तुति दी और लू’ हो रहे संस्कृति को जीवंत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत समाज के ईष्टदेव झूलेलाल व बहराणा की ज्योत प्रज्वलन के साथ शुरू किया गया इसके बाद सिंधी समाज के बच्चों ने पारंपरिक ख्ोलकुद , बालगीत का मंचन कर लोगों को बीते दिनों की याद दिलाई इस प्रस्तुति के जरिये उन्होंने यह भी संदेश दिया कि सोशल मिडिया के इस दौर में हम मोबाईल का दूरूपयोग कर अपने संस्कृति और परंपरा से से दूर होते जा रहे हैं।
कार्यक्रम में अतिथि डा .ललित माखीजा कहा कि सब जो समूह में मिलकर करते है वो परंपराएं बनती है और परंपरा ही संस्कृति । हमें अपनी संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए । उन्होंने अपनी संस्कृति व एकता को बढ़ाने के लिए ऐसे आयोजन करते रहने की बात कही।
सिधी सेंट्रल पंचायत के अध्यक्ष पीएन बजाज ने कहा लोक संगीत उत्सव का आयोजन समाज की सभ्यता और संस्कृति को बढ़ावा देता है। इसके बाद भारतीय सिधु सभा के अध्यक्ष शंकर मंनचदा ने भी अपने विचार रख्ो।
कार्यक्रम में डीडी आहूजा ने भाषा संस्कृति पर प्रकाश डाला। भारतीय सिधु सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनीता भावनानी ने कहा कि जो बात हम संगीत के माध्यम से कह सकते हैं वह बड़ी सरलता से लोगों तक पहुंचती है। कार्यक्रम में अध्यक्ष सतीश जायसवाल ने सिधु सभ्यता संस्कृति को बढ़ाने व नई पीढी को जोड़े रखने कि बात कही। इसके बाद ऋतु श्ौलेष पांडेय ने कहा कि हर समाज में संस्कृति लु’ हो रही है, यह आयोजन उसके संरक्षण का है जो सराहनीय है।
इसके बाद लोक संगीत की प्रस्तुति कच्छ गुजरात से आए कलाकारों ने दी जिसमें सूफी अलाप, ऋतु पर आधारित विवाह पर गाने वाले लाडे की प्रस्तुति दी गई जिसे देखकर दर्शक झूमते रहे। इस अवसर पर
घनश्याम भगत की गायकी की प्रस्तुति ने दर्शकों को झुमने पर मजबूर कर दिया व लोकल कलाकारों ने छेज, राद, लाडो की प्रस्तुति दी। लोकनृत्य के अलावा विविधता से परिपूर्ण कई कार्यक्रम संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के दौरान अजमेर से पहंुचे घनश्याम भगत, कच्छ के बुद्धा वेला एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सारंगी वादक राजेश परसरामानी को सिधु गौरव अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा सभी लोकल कलाकारों को भी सम्मानित किया गया।
आकर्षण का केंद्र रहा सेल्फी पॉइंट
कार्यक्रम स्थल पर सेल्फी पाइंट आकर्षण का केंद्र रहा, जहां सिधी वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी लगाई गई। इस मौके पर विलू’ होती सिंधी वाद्ययंत्र मट्ट, बोरिंदो, सारंगी और अन्य वाद्ययंत्रों के साथ पहंुचे लोगों ने सेल्फी लेकर इसे यादगार बनाया।कार्यक्रम का संचालन गरिमा शहनी,नीरज जिज्ञासी व श्रीचंद माखीजा ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में महिला विग कि कंचन मलकानी,भारती सचदेव,सोनी बहरानी,रेशमा मोटवानी,मधु गगावानी,मोनिका सिदारा, आशा जैसवानी, मान्या मेघानी,अनिता सिदारा,जयश्री भाटिया, सुनीता हिरवानी, पुष्पा मोटवानी ,आशा जेसवानी, बरखा आहूजा, अंजलि वलेचा बिन्नी कोटवानी अन्नु आहूजा
कविता मंगवानी व टीम मनोहर लाल पमनानी, भरत चंदानी,हरीश मोटवानी, मोहन जैसवानी, अभिषेक विधानी, विनोद रायकेश, नंदलाल पोकतानी, कमल बजाज, हरीश भागवानी ,सतीश लाल, अजय भीमनानी ,प्रकाश बेहरानी, सुनील लालवानी,सुमीत विधानी,शत्रुघ्न जैसवानी प्रकाश ग्वालानी का सहयोग रहा ।


