
29 अप्रैल को सुबह सूरजपुर वन मंडल से दिनांक 28 मार्च को रेस्क्यू की गई मादा बाघिन को स्वस्थ होने के बाद राष्ट्रीय ब्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण की स्थापित मानक प्रचालन प्रक्रिया के तहत अचानकमार टाइगर रिजर्व के उपयुक्त रहवास में छोड़ा गया हैं। उल्लेखनीय हैं कि अचानकमार टाईगर रिजर्व में बाघों की जन संख्या में वृद्धि किए जाने हेतु निकटस्थ राज्य मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के टाईगर रिजर्व से ऐसे 2 मादा एवं 1 नर ब्याघ्रो को लाने की प्रक्रिया चल रही है इस बीच सूरजपुर वन मंडल से रेस्क्यू की गई मादा बाघिन को अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाना एक सुखद संयोग है प्रधान मुख्य वन संरक्षक के मार्गदर्शन में आज मानक प्रचालन प्रक्रिया अनुसार 29 अप्रैल को वन्य प्राणी चिकित्सकों को टीम द्वारा बाघिन को रेडियो कलर लगाया गया एवं मादा बाघिन को उचित रहवास में छोड़ दिया गया।प्राकृतिक रहवास में मुक्त किए जाने के बाद आगामी 1 माह तक मादा बाघिन के मूवमेंट का पता लगाने के लिए उपयुक्त निगरानी तंत्र स्थापित की गई है इस हेतु मैदानी अमले को पन्ना टाईगर रिजर्व में विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया हैं भारतीय वन्यजीव रिसर्च संस्थान के दो स्कॉलर एवं वन्य प्राणी चिकित्सकों की टीम भी विशेष रूप से तैनात की गई हैं । प्रकृति रहवास में छोड़े जाने के पूर्व भी क्षेत्र के ग्राम वासियों से चर्चा कर विश्वास में लिया गया हैं। इस मादा बाघिन के अचानकमार में स्थापित होने से अचानकमार में बाघों की संख्या में वृद्धि के लिए विभाग आशान्वित हैं।

