
बॉर्डर पर तैनात सैनिकों के लिए तिलकनगर राजकिशोरनगर सशिमं की बेटियों ने भेजी 500 इको फ्रेंडली राखियां
बिलासपुर। रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस आ रहा है। एक देशभक्ति तो दूसरा भाई बहन के बीच पवित्र बंधन की भावना से ओतप्रोत पर्व। देशभक्ति गीत गाते हुए तिलकनगर राजकिशोरनगर सरस्वती शिशु मंदिरों की छात्राओं ने सैकड़ों राखियां भावनाओं को लिफाफे में बंद कर सैनिकों को राखियां रवाना कर दी हैं।
व्यवस्थापक डा भुवनसिंह राज सहव्यवस्थापक बैजनाथ राय अध्यक्ष डा. शिवशंकर दुबे, नेतराम सैनिक ने इसके लिए विशेष रुचि लेकर निर्देश दिए थे। प्राचार्य द्वय राकेश पांडेय और लक्ष्मीकांत मजूमदार , प्रधानाचार्य शिवराम चौधरी ने मिलकर अपनी निगरानी में इसके लिए प्रेरित किया।
देश की सीमाओं पर कभी झुलसाती गर्मी तो कभी बर्फ बरसाती हुई कड़कड़ाती ठंड के बीच प्रतिकूल परिस्थितियों में 24 घंटे 365 दिन हमारी रक्षा के लिए ड्यूटी करने वाले सैनिक भी हमारे भाई की तरह हैं। छुट्टी नहीं मिल पाने के कारण बहुत से सैनिक भाई रक्षाबंधन पर अपने घर नहीं जाते हैं। रक्षाबंधन के दिन उनकी कलाइयां सूनी ना रह जाए। इसको ध्यान में रखते हुए उनको अपने हाथों से बनाई हुई राखी भेज कर उनके कर्तव्य को नमन करने का अवसर रुकना नहीं चाहिए।
इसी भावना से प्रेरित होकर छात्राएं सैनिकों के लिए राखियां तैयार करती रहीं। सैनिकों के प्रति अपनी देश भक्ति की भावना के साथ पर्यावरण के संरक्षण के महत्व को भी ध्यान में रखते हुए इको फ्रेंडली राखियां भेजी गई । धान लौकी करेला रखिया खीरा तोरई के बीज चावल के दानें वाटर कलर डोरी कागज रंग इलायची के दाने और गोंद का उपयोग करते पर्यावरण संरक्षण करने वाली मनमोहक रंगबिरंगी राखियां।
शिक्षिका अर्चना मजूमदार , सीमा दुबे , निधि अवस्थी , जागृति साहू , शशि श्रीवास्तव , शालिनी श्रीवास्तव, अर्चना मुजूमदार , माधुरी बापते , सीमा दुबे, सुधा दवे, आनंदी दुबे, ममता श्रीवास्तव सभी शिक्षिकाओं की टीम ने पहले इसके लिए छात्राओं को तैयार किया लेकिन इससे प्रेरित होकर छात्रों ने राखियां बनाने में मदद की। लिफाफे बंद राखियों में प्रेषक ने बकायदा अपना नाम अंकित किया है। लिफाफे में राखियों के साथ हल्दी चावल के दाने और मिट्टी भी रखी है।मिट्टी देश की माटी के लिए मर मिटने वाले सैनिकों के लिए शौर्य का प्रतीक है।
*इस रास्ते से भेजी जाएगी राखी*- राखियां बिलासपुर रायपुर दुर्ग राजनांदगांव नागपुर बैतूल इटारसी भोपाल सीहोर देवास उज्जैन राजस्थान के कोटा बूंदी टोंक जयपुर गुरुग्राम दिल्ली पानीपत करनाल कुरुक्षेत्र अंबाला खन्ना लुधियाना जालंधर पठानकोट जम्मू होते हुए उधमपुर पहुंचाई जाएंगी। जहां से वे रक्षाबंधन के दिन तक बॉर्डर पर ड्यूटी कर रहे सैनिकों तक पहुंचा दी जाएंगी।

