
बिलासपुर ।डी.पी. विप्र महाविद्यालय में हिंदी विभाग एवं आई.क्यू.ए.सी.के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के विकास में गुरु परंपरा की महŸाा‘‘ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय व्याखानमाला का आयोजन हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि प्रदीप देशपांड जीे, संघचालक बिलासपुर विभाग आर.एस.एस., पूर्व सदस्य छ.ग. लोक सेवा आयोग विशिष्ट अतिथि सुनील कुलकर्णी , अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षण प्रमुख आर.एस.एस., बिलासपुर, अध्यक्षता श्री अनुराग शुक्ला जी अध्यक्ष प्रशासन समिति डी.पी. विप्र महाविद्यालय, प्राचार्य डॉ. (श्रीमती) अंजू शुक्ला जी उपस्थित रही।
प्रदीप देशपांडे ने अपने उद्बोधन में कहा कि अपनी गुरु परपंरा के आलोक में भारत की सनातन संस्कृति को जानना ही हमारा गुरु के प्रति सच्चा समर्पण है। यह तभी हो सकता है जब शिष्यों के मन और आचरण में श्रद्धा का भाव होगा। आपने भारत के प्रमुख शिष्यों श्रीराम, श्रीकृष्ण, एकलव्य, आरूणि एवं अभिमन्यु के संबंध पर प्रकाश डाला। श्री सुनील कुलकर्णी ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमारे भारतीय समाज के मानवीय जीवनमूल्य अतुल्यनीय हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने जो ज्ञान दिया है उस पर हमें फिर से गहन अध्ययन की आवश्यकता है। श्री अनुराग शुक्ला ने गुरु पूर्णिमा की सबको बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण में गुरुओं का अहम योगदान है। प्राचार्य डॉ. (श्रीमती) अंजू शुक्ला ने अपनी सनातन संस्कृति में गुरु परपंरा के योगदान के विषय में बताते हुए कहा कि गुरु व्यक्ति नहीं अपितु जीव का शिव से बोध कराने वाला तत्व है। जो राष्ट्र, समाज व संस्कृति को एक नई उचाई की ओर ले जाता है। गुरु के सान्निध्य से प्राप्त शिक्षा अगाध है। गुरु ही शिष्य के व्यक्त्वि का रचनाकार है। शिष्य गुरु के सान्निध्य में रह कर ही ज्ञान की सच्ची साधना कर सकता है। इस अवसर पर प्रो. निधिश चौबे को ड्रोन एवं ई.बाईसिकल प्रोजेक्ट में सफल योगदान के लिए अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. एम.एस. तम्बोली, विभागाध्यक्ष लोकप्रशासन तथा आभार प्रदर्शन डॉ. सुरुचि मिश्रा ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ. एम.एल. जायसवाल, डॉ. विवेक अम्बलकर, डॉ. मनीष तिवारी, डॉ. सुषमा शर्मा, डॉ. आभा तिवारी, प्रो. ए.श्रीराम, प्रो. तोषिमा मिश्रा, प्रो. किरण दुबे, डॉ.रश्मि शर्मा, डॉ. शिखा फहारे, प्रो. विश्वास विक्टर, डॉ. ऋचा हाण्डा, डॉ ताणनीश गौतम, प्रदीप जायसवाल, प्रो. यूपेश कुमार, रूपेन्द्र शर्मा, श्री मोतीलाल पाटले, प्रो ईश्वर सूर्यवंशी, प्रो ब्रजेश, प्रो. ज्योति तिवारी प्रो., श्रीमती अंजलि जयसवाल, श्री एस.आर. चंद्रवंशी, श्री.विकाश सिंह ,श्री.मनीष मिश्रा ,तोरण प्रसाद यादव, मिथलेश रत्नाकर तथा महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी, एन.सी.सी. तथा एन.एस.एस. के छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहें।

