
बिलासपुर। यदि आपके अंदर कुछ नया करने की ललक हो तो निश्चित ही आप अनुप्रयोग की चीजों को भी प्रयोगी बना सकते हैं , कभी कुछ चीजें व्यर्थ नहीं होती, बशर्ते उसका प्रयोग सही तरीके से किया जाए। इन्हीं बातों को चरितार्थ किया है निवारण शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति के संस्थापक धनेश रजक व अनिता गणेश निर्मलकर ने। उन्होंने चाय बनाने के बाद व्यर्थ बची चायपत्ती और मंदिरों फूलों को एकत्र कर उसे सुखाकर रखें तो से प्राप्त फूलों को एकत्रित कर वह खाद के साथ पौधों के पौष्टिक आहार से लेकर उसे खाद के रूप में परिवर्तित के रूप में होता है, जिसे प्रयोग में लिया किया। साथ ही उपयोग के बाद व्यर्थ पड़े गया है। साथ ही इसे उगाने के लिए आदि का एकत्रीकरण कर उसमें खाद प्रयोग में लिया गया है,
जिसमें डिस्पोजल, दूध पैकेट, निरमा पॉलीथिन, एवं वेस्ट बॉटल से 200 से अधिक पौधों का रोपण कर उसमें चायपत्ती डालकर बीजें किया गया है। प्रकृति के लिए जागरूक को रोपण किया। अनिता गणेश निर्मलकर ने बताया कि बताया कि घर में हम व्यर्थ चायपत्ती को उपयोग में लाने के लिए पौधों को उगाने में खाद के रूप में उपयोग करते है,
धनेश रजक ने बताया कि प्रकृति संरक्षण में कार्य कर सकते हैं, जिसे बाद में रोजगार के रूप में भी लोग अपनाकर छोटे-छोटे फूल आदि के पौधे लगाकर उसे गमले के रूप में बेच सकते प्लास्टिक के कप, डिस्पोजल गिलास उपयोग में लाए गए डिस्पोजल को भी है। धनेश व अनिता ने इस प्रयोग के माध्यम से समाज को यह संदेश देना चाहा है कि प्रकृति प्रदत्त अनेक चीजों का प्रयोग करते हैं, लेकिन रिसाइकल पर ध्यान नहीं देते। साथ ही ऐसे प्रयोगों को ग्रामों में करने की अपील की है।

