बिलासपुर।प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, ओम शांति सरोवर, उसलापुर की प्रांगण में ‘शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व पर ‘चैतन्य देवियों की झांकी’ का आयोजन किया गया। जिसमें माता जगदंबा, माता दुर्गा, माता महालक्ष्मी, माता सरस्वती, माता उमा, माता संतोषी, माता महाकाली एवं माता गायत्री आदि माता के चैतन्य अष्ट स्वरूपों का दर्शन देते हुए, बाल ब्रह्मचारी, ब्रह्माकुमारी बहने चैतन्य देवियों के रूप से भक्तों को अलौकिक अनुभव हो रहा है। भक्तों की भारी भीड़ श्रद्धा भावना से आ रही है यह झांकी 20 अक्टूबर से 24 अक्टूबर दशहरा तक झांकी लगाई जाएगी। इस झांकी के साथ आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनियों के द्वारा लोगों को ज्ञान के प्रति जागृति पैदा की जा रही है। उन्हें व्यसन मुक्ति और सकारात्मक जीवन शैली अपनाने की प्रेरणा दी जा रही है। ब्रह्माकुमारी छाया दीदी ने कहा कि हर कन्या माता बहनों के अंदर शिव शक्ति स्वरूप छुपा हुआ। वह अपने इस स्वरूप को जागृत करें। उसके अंदर की सकारात्मक ऊर्जा, पवित्र श्रेष्ठ ऊंचे संकल्प से सुरक्षा कवच बन जाता है। अगर हर कन्या और माता को देवी के रूप में देखा जाए, शिव शक्ति के रूप में देखा जाए तो मनुष्य के अंदर कोई भी पाप नहीं आएगा। और मनुष्य पापों से मुक्त हो जाएगा। इसलिए हमारे भारत में बहनों को, कन्याओं को नवरात्रि के दिन विशेष पूजन किया जाता है। इन बहनों ने राजयोग के द्वारा ही अपने जीवन में एकाग्रता प्राप्त करके जड़ मूर्ति की तरह चैतन्य देवी के रूप में दर्शन दे रही है। हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए एकाग्रता आवश्यक है।राजयोग एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा हम अपने मन बुद्धि को निराकार ज्योति स्वरूप परमपिता परमात्मा शिव में एकाग्र करके अपने मन, इंद्रियों को जीत कर स्वयं के श्रेष्ठ परिवर्तन से संसार का परिवर्तन कर सकते हैं। जीवन को तनाव मुक्त खुशहाल बना सकते हैं। और सच्ची सुख शांति की अविनाशी प्राप्ति कर सकते हैं।


