
बिलासपुर। नगर निगम द्वारा शहर में बेतरतीब तरीके से की जा रही खुदाई से शनिवार सुबह एक बड़ी घटना हो गई जिसमें मंगला चौक स्थित मेडिकल कांप्लेक्स की इमारत ढह गया। इमारत ढहने का कारण नाला निर्माण के चलते की जा रही खुदाई से इमारत की नीव कमजोर होना हैं। सुबह सुबह घटित होने वाले इस घटना में किसी तरह की जान माल की हानि नहीं हुई हैं लेकिन यही घटना अगर 10:11 बजे होती तो बहुत बड़ी दुर्घटना घट सकती थी। यह घटना स्मार्ट सिटी के घटिया कामकाज को उजागर कर रहा हैं जिसमें स्मार्ट सिटी के नाम पर अधिकारी और ठेकेदार मिलकर केवल लूटने का काम कर रहे हैं। नाली में जलभराव की समस्या ना हो इस उद्देश्य से 50 करोड़ की लागत में किए जा रहे इस कार्य को मानसून आने से पहले किया जाना था लेकिन बरसात शुरू होने के बाद इस कार्य को किया जा रहा हैं, जिसका भुगतान आम जनता को करना पड़ रहा हैं।इस पूरे मामले में निगम कमिश्नर कुणाल दुदावत,इंजीनियर प्रवीण शुक्ला और ठेकेदार कमल ठाकुर दोषी हैं जो जनता की शिकायतों को भी नजर अंदाज करते हैं।कॉन्प्लेक्स के संचालक विशाल गुप्ता ने बताया कि कॉम्प्लेक्स का निर्माण में भी हाल ही में हुआ हैं जिसमें उनकी दवाई दुकान भी चलती हैं, 5 से 7 फीट की नीव में 10 फीट का गढ्ढा खोदे जाने से ऐसा हुआ हैं उन्होंने कहा दो दिन पहले से नाली की खुदाई चल रही हैं और खुदाई करते करते पूरी बिल्डिंग गिरा दिये। कॉम्प्लेक्स मैं विशाल की दो दुकानें चलती हैं दोनों दुकानों की इमारत ढहने से उन्होंने रोजी-रोटी की चिंता जताई और फूट-फूट कर रोने लगे।
अगर देखा जाए तोह पूरे शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नाली निर्माण का कार्य चल रहा हैं जिसे 30% से 40%कमीशन के चक्कर में अधिकारी और ठेकेदार सरकार की इस योजना को बर्बाद करने में लगे हैं।प्रोजेक्ट में जो काम करना हैं उस हिसाब से कुछ भी नहीं हो रहा हैं।अगर देखें तोह सीमेंट कम रेत ज्यादा, सस्ती सीमेंट, सस्ते छड़,छड़ भी प्रोजेक्ट के हिसाब से नहीं लगा रहे हैं और छड़ भी ज्यादा गेप में लगाया जा रहा हैं।टेक्निकल देखें तोह स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सभी नालों में पूरा काम गुणवत्ताहीन किया जा रहा हैं।रही बात स्मार्ट सिटी के ठेकेदारों की तोह किसी भी ठेकेदार को उसकी कार्य क्षमता से बढ़ कर काम दिया गया हैं और ना ही उसकी बीट केपेसिटी देखी गई हैं और ना ही उस ठेकेदार की कार्य योग्यता।ठेकेदार के द्वारा अंडर वेट् लोहा लगाया जा रहा हैं और लोहे की गेप को 6 इंच से बढ़ाकर 10 इंच में बाधा जा रहा हैं।इसी तर्ज पर कुछ महीनों पहले तिफरा में भी पूरा नाला भसक गया जिसकी जाँच आज दिन तक पेंडिंग हैं। कमीशन खोरी के चक्कर में कुछ भी कर रहे हैं स्मार्ट सिटी के अधिकारी।इन अधिकारियों,कर्मचारियों और ठेकेदारो के द्वारा सरकार को बदनाम करने का कोई भी मौका नही छोड़ा जा रहा हैं।ऐसे भर्ष्टाचार में लिप्त अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों पर सरकार को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।
अब देखना यहीं हैं कि सरकार इस घटना पर अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों जेल भेजती हैं या छोड़ देती हैं?*
इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव प्रियंका शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए शासन प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया और कहा नगर निगम की लापरवाही से यह बिल्डिंग गिरी हैं। बिना प्लानिंग के काम करने से दो दुकान मेडिकल स्टोर और ज्वेरली शॉप ढह गया उन्होंने कहा कथित विकास के नाम पर पूरे शहर में नगर निगम द्वारा मनमाने ढंग से काम किया जा रहा हैं। जबकि यह काम मानसून आने के पहले किया जाना था।शहर भर में विकास के नाम जगह जगह सड़कों गलियों को खोदकर छोड़ दिया गया हैं।
जसबीर सिंह ने कहा लापरवाही का आलम देखिए कि निगम कर्मियों ने बिल्डिंग की नींव से ज्यादा गड्ढा खोद दिया गया जिसका बड़ा खामियाजा एक घर गिरने के रूप में मिला हैं। उन्होंने कहा लापरवाही पूर्वक नाले के लिए खुदाई को लेकर मकान मालिक ने अधिकारियो को दी थी लेकिन उनकी शिकायत को नजरअंदाज किया गया। जिसका परिणाम सामने हैं। 50 करोड़ रुपए लागत से अलग अलग जगहों पर नाली का निर्माण कार्य हो रहा हैं। जिसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता हो रही हैं। घटिया निर्माण कार्य कराया जा रहा हैं। सुरेश दिवाकर ने कहा कि आम आदमी पार्टी शासन प्रशासन से निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जाँच होनी चाहिए।
खगेश चंद्राकर ने पीड़ितों को तत्काल प्रभाव से 1 करोड़ का मुआवजा देने की बात कही। उन्होंने इसका जिम्मेदार विधायक महापौर और निगम के अधिकारी कर्मचारियों को बताया।

