बिलासपुर।तुलसी साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ इकाई बिलासपुर द्वारा युवा कवि श्री आशीष श्रीवास की सद्यः प्रकाशित कृति “तुम और इश्क ” का विमोचन एवं सम्मान समारोह का आयोजन सम्माननीय न्यायमूर्ति श्री चन्द्रभूषण वाजपेयी के मुख्य आतिथ्य, डाॅ विनय कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग की अध्यक्षता, डाॅ अरूण कुमार यदु संरक्षक तुलसी साहित्य अकादमी बिलासपुर, डाॅ श्याम लाल निराला प्राचार्य जे पी वर्मा स्नातकोत्तर कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय बिलासपुर, डाॅ श्रीमती गीता तिवारी, डाॅ राघवेन्द्र कुमार दुबे के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। प्रारंभ मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर किया गया, स्वागत पश्चात आशीष श्रीवास की काव्य कृति ” तुम और इश्क ” का विमोचन किया गया साथ ही रचनाकार का सम्मान शाल श्री फल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया। इस अवसर पर सरस्वती वंदना और स्वागत गान राम निहोरा राजपूत, सुखेन्द्र श्रीवास्तव ने प्रस्तुत किया। श्री आशीष श्रीवास की एक गज़ल की प्रस्तुति सुखेन्द्र श्रीवास्तव ने किया। स्वागत भाषण में श्री अंजनी कुमार तिवारी ने आयोजन की जानकारी देते हुए बधाई दी। युवा कवि आशीष श्रीवास ने अपनी साहित्यिक यात्रा एवं कविताओं की संक्षिप्त जानकारी दी। डाॅ गीता तिवारी ने कृति “तुम और इश्क ” की समीक्षा करते हुए इसके विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि सम्मानीय न्यायमूर्ति श्री चन्द्रभूषण वाजपेयी ने अपने उदबोधन में कहा कि आज साहित्य से युवाओं को जोड़ने की आवश्यकता है क्योंकि नई सोच नये विचार साहित्य के माध्यम से अभिव्यक्त होंगे तभी युवा पीढ़ी को प्रेरणा और संस्कार मिलेगी उन्होंने कहा “तुम और इश्क ” गजल संग्रह प्रेम भाव से परिपूर्ण है। अध्यक्षीय उदबोधन में डाॅ विनय कुमार पाठक ने कहा कि युवा कवि आशीष श्रीवास में बहुत संभावनाएं हैं, “तुम और इश्क ” कविता संग्रह में इन्होंने अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति गज़ल, कविता, मुक्तक, और शेर के माध्यम से की है । यह कृति पठनीय है, वहीं युवाओं के लिए प्रेरक भी है। विशिष्ट अतिथि डाॅ निराला ने कहा कि युवाओं में देशभक्ति भावना हेतु और अपनी संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए साहित्य ही प्रेरक हो सकते हैं अतः ऐसे सत्साहित्य सृजन की आवश्यकता है। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ अरूण कुमार यदु और प्रांतीय अध्यक्ष डाॅ राघवेन्द्र कुमार दुबे ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन डाॅ राघवेन्द्र कुमार दुबे ने और आभार प्रदर्शन आशीष श्रीवास ने किया । इस अवसर पर अंजनी कुमार तिवारी, सुखेंद्र श्रीवास्तव, शोभा त्रिपाठी, संगीता बनाफर, प्रदीप निर्णेजक, विजय, पूजा सिंह, नंदप्रकाश, नरेंद्र कौशिक, जागेश्वरी, अनिता, प्रगति, एम लिंकन, आनंद, धन्नू, नरेंद्र, धनराज, अभिषेक, विनय, राम, डा. स्वाति, रमण किरण एवं नगर व अंचल के साहित्यकार एवं प्रबुद्धजन उपस्थित थे


