वजन त्योहार का हुआ समापन
बिलासपुर। राज्य में वजन त्यौहार की शुरुआत 1 सितंबर से हुई जिसका समापन 13 सितंबर को किया गया । इस दौरान बिलासपुर जिले के सभी 1925 आंगनबाड़ी केंद्रो में भी वजन त्यौहार मनाते हुए 6 वर्ष से कम के बच्चों का वजन और ऊंचाई लिया गया । इस दौरान11 से 18 वर्ष की सभी किशोरी बालिकाओं का हिमोग्लोबिन टेस्ट भी कराया गया। बच्चों में कुपोषण का स्तर जांचने और सुपोषण के प्रति समुदाय को जागरूक लाने के लिए प्रदेश की सभी आंगनबाड़ियों में वजन त्यौहार आयोजित किया। इसके बाद संग्रहित आंकड़ों की ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में एंट्री कर पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
चलाया जा रहा सुपोषण अभियान
आंगनबाड़ी केंद्रो में पोषण माह का आयोजन भी किया जा रहा है, जो पूरे सितंबर माह तक चलेगा। आंगनबाड़ी द्बारा चलाए गए सुपोषण योजना को आम लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए आयोजित किया जाता है, जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को बताया जाता है कि किस तरह के खान-पान और स्वास्थ्य गत जागरूकता रखने के बाद हम देश का कुपोषण हटा सकते हैं। इसका मुख्य संदेश वाक्य है – सही सुपोषण देश रोशन । इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रो में फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता अथवा अन्य कार्यक्रमों के जरिये सभी लोगों को प्रकृति से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
राज्य के 1० हजार आंगनबाड़ी केन्द्र मॉडल केन्द्र के रूप में हो रहे विकसित
बिलासपुर। बच्चों तथा महिलाओं के कल्याणकारी योजनाओं में मैदानी स्तर पर सुचारू रूप से संचालन के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों का सक्षम होना जरूरी है। इसे देखते हुए राज्य के 1० हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इनमें से 1०47 आंगनबाड़ी केन्द्रों को आकर्षक रूप देकर बाल सुलभ केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। साथ ही प्रदेश के 1० आकांक्षी जिलों एवं 2० विकासखण्ड में आंगनबाड़ी केन्द्र को सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दी जाने वाली सेवाआंे की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए स्वयं का आंगनबाड़ी भवन होना आवश्यक है। जिन स्थानों पर आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए भवन नहीं हैं, वहां हितग्राहियों की सुविधा के लिए राज्य शासन द्बारा अधिकाधिक संख्या में आंगनबाड़ी भवन निर्माण के कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है। राज्य सरकार द्बारा प्रदेश में कुल स्वीकृत 52 हजार 474 आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में से कुल 47 हजार 189 केन्द्रों के लिए स्वयं के भवन स्वीकृत किया गया है। साथ ही वित्तीय वर्ष 2०23-24 में 5००० आंगनबाड़ी भवन निर्माण किये जाने लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नवीन शिक्षा नीति के अनुरूप स्कूल शिक्षा विभाग के साथ समन्वय करते हुए 5००० से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों में बालवाड़ियां प्रारंभ की जा रही है।
बिलासपुर में दो भवन मॉडल केंद्र के रुप में हो सकता है विकसित
बिलासपुर जिले में 1925 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होते हैं, जबकि बिलासपुर शहरी क्ष्ोत्र में 268 आंगबाड़ी केंद्र है। इनमें से संभावित दो भवन का विस्तार मॉडल केंद्र के रुप में किया जा सकता है। भवन मॉडल बनने से वहां बच्चों के लिए सुलभ शौचालय, टीवी, ख्ोलसामग्री और अन्य सुविधाएं भी दी जाएगी। शहरी क्ष्ोत्र में ज्यादातर आंगनबाड़ी केंद्र किराये के मकान में संचालित होते हैं। मॉडल केंद्र बनाने के लिए आंगनबाड़ी शासकीय भूमि पर होना आवश्यक है। लिहाजा जैसे जैसे शासकीय भूमि पर आंगबाड़ी केंद्र संचालित होगी उन्हें भी मॉडल केंद्र के रुप में विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।


