
बिलासपुर की सानिया रिजवी ने महिला बाल विकास अािकारी बनकर किए अपने सपने पूरे
बिलासपुर। समाज कल्याण विभाग द्बारा दिव्यांगजनों के हितार्थ कई योजनाएं संचालित होती है चाहे वह युनिक आई डी बनवाना हो,विवाह प्रोत्साहन योजना हो, या फिर कृत्रिम अंग उपकरण प्रदाय योजना।
दिव्यांगजनों को श्ौक्षिक सशक्त बनने में शिक्षा प्रोत्साहन योजना है जिसमें उच्च शिक्षा के लिए सहायता राशि प्रदान की जाती है। वही सिविल सेवा का सपना बुनने वाले छात्रों के लिए क्षितिज अपार संभावनाएं किसी वरदान से कम नही है जिसकी मदद लेकर ऐसे बच्चे प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना पूरा कर सकते हैं बस
इस योजना के तहत छग शासन के द्बारा सिविल सेवा में प्रयास कर रहे बच्चों को सिविल सेवा के प्रारंभिक तैयारी के लिए 2० हजार रुपये यहायता दी जाती है। इसके बाद मुख्य परीक्षा के लिए 3० हजार प्रदान की जाती है जबकि सिविल सेवा में चयनित होने पर पूरे 5० हजार की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
वर्ष 2०18 से 2०22 तक मात्र 13 लोगों ने लिया लाभ
इस योजना का लाभ 5 सालों में मात्र 13 लोगों ने लिया है। जिसके तहत 2०18 में प्रारंभिक परीक्षा के लिए मात्र 1 आवेदन आए थ्ो। वर्ष 2०19 में 5 आवेदन दिए गए वर्ष4 लोगों ने सिविल प्रारंभिक परीक्षा दिलाई जबकि 2०21 में 4 लोगों ने इसयोजना के तहत परीक्षा दिलाई जिनमें से शहर की 1 परीक्षार्थी सानिया रिजवी ने मुख्य परीक्षा पास आऊट किया जिसे 5० हजार की राशि प्रदान की गई। इससे पहले उन्हें प्रारंभिक परीक्षा में 2० हजार और मुख्य परीक्षा के लिए इस योजना के तहत 3० हजार यानि 5० हजार की राशि प्रदान की गई थी। बता दे कि 2०23 में एक भी आवेदन विभाग को प्रा’ नहीं हुआ है।
योजनाओं का प्रचार होना जरुरी अभिभावको को भी होना होगा जागरुक
सरकार द्बारा दिव्यांगों के हितार्थ चलाए जा रहे योजनाओं को प्रचारित करने की नितांत आवश्यकता है 5 सालों में मात्र 13 आवेदन मिले हैं जो दर्शाता है कि कहीं न कहीं इन योजनाओ के प्रचार प्रसार में कमी है। सिविल सेवा से चयनित महिला बाल विकास अधिकारी सानिया रिजवी जो कि कम दृष्टि दोष बाधित भी हैं, ने शासन के इस योजना के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया वहीं उन्होंने दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को भी ऐसे बच्चों को कमतर नहीं समझते हुए,उन्हें हिम्मत देने को कहा। संभावनाएं कभी किसी के लिए खत्म नहीं होती लिहाजा ऐसे बच्चों के माता पिता को उन्हें शिक्षा से जोड़कर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रोत्साहित करना होगा साथ ही शासन द्बारा दी जाने वाली सुविधाओं को खुद कोशिश करके सुविधाओं को जानना होगा ताकि फाईनेंशियल सपोर्ट मिल सके।

