
बिलासपुर। सड़क किनारे बैठे मवेशियों को हटाए जाने को लेकर नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा क्रूरता की जा रही है। मवेशी पकड़ने के समय उनके गले में जो रस्सी डाली जाती है मवेशी वही अधमरा हालत में होती है।पशु प्रेमियों का कहना है कांजी हाउस गोठान भेजने की बजाय शहर से बाहर सुनसान ऐसे क्षेत्रों में भगवान भरोसे छोड़ा जा रहा है उन्हें आशंका है कि ऐसे में पशु माफिया बेसहारा जानवरों को स्लॉटर हाउस ले जा सकते है । मवेशी पकड़ने के नाम पर बेजुबान जानवर लापता हो रहे हैं जिनकी वापसी की आस पशु हित संरक्षण प्रेमियों के साथ उन पशुओं को है जो रिश्ते में मां या बेटी हैं।
शासन ने सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं को पकड़ गौठान भेजने की व्यवस्था बनाई है। मोपका में बहुत बड़ गोठान है वो भी बदहाल स्थिति में। शीतला मंदिर के पुजारी मनीष पांडे का कहना है गौठानों में भी पूरी व्यवस्था हो लोगों को सवेदनशील होना जरूरी है वाहन चलाते समय सड़क किनारे बैठे मवेशियों का ध्यान रखा जाए। हर वार्ड में गौठान होना चाहिए। इसके अलावा गो स्वामियों को भी अपने मवेशियों के प्रति जिम्मेदार होना जरूरी है।
सड़क पर बैठे सभी आवारा पशु नहीं होते। नंदी बैल के साथ गाय बछिया होती हैं जिनके मालिक विचरण के लिए छोड़ देते हैं। ये पशु शाम ढलते अपने मालिक के घरों में वापस चली जाती हैं। जिसे दोनों समय श्रद्धा भाव के साथ रोटी भी खिलाते हैं।
5 और 6 जुलाई को मैग्नेटो मॉल से वैशाली नगर गायत्री मंदिर की ओर जाने वाली रोड पर विनोबा नगर में आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए नगर निगम के कर्मचारी दो काऊकेचर पहुंचे। यहां के निवासी हेमंत पांडेय रोज सुबह शाम गाय को रोटी खिलाते हैं। गाय पिछले कई वर्षों से बिना नागा किए उनके घर पर रोज सुबह-शाम नियमित निश्चित समय पर रोटी खाने के लिए पहुंचती है। लेकिन 6 जुलाई को पता चला कि नगर निगम वाले जानवरों को पकड़ कर ले गए हैं। वे गाय को तलाशने 6 जुलाई की शाम 4 बजे मोपका स्थित गौठान पहुंचे। जहां गाय नहीं दिखी। इस बीच मोहल्ले के अजय गोस्वामी की गाय और संतु यादव की बछिया भी पशु मालिक के घर नहीं पहुंचे। पशुपालकों को आशंका होने पर 6 जुलाई को दोपहर उन्होंने नगर निगम के काऊ केच र का पीछा किया तो काऊकेचर मोपका गौठान की बजाए रायपुर रोड स्थित हाईकोर्ट की ओर जाते दिखे। बाद में पता चला कि हाईकोर्ट के आसपास सुनसान में पशुओं को छोड़कर कॉउकेचर वापस आ जाता है। वही पशु प्रेमियों का कहना है इन पशुओं पर माफिया की नजर पड़ गई तो उन्हें स्लॉटर हाउस पहुंचाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।।इस समस्या का ठोस उपाय क्यों नहीं किया जा रहा है। इस बात को लेकर लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है।
यहां के निवासी हेमंत पांडेय ने बताया कि बड़ी गाय को मोहल्ले वासी प्यार से रानी बेटी और छोटी बच्चियों को छोटी घंटी कह कर पुकारते हैं। रानी बेटी की बछिया और छोटी घंटी की मां को नगर निगम कर्मचारियों ने पकड़कर शहर से बाहर सुनसान इलाके में छोड़ दिया है। जिसके इंतजार में आज भी दोनो राह ताक रहे हैं।

