
कटघोरा-कोरबा /वर्तमान में वन मंडल कटघोरा में 49 हाथी भिन्न भिन्न दिन दलों में विचरण कर रहे हैं । जिनमें से 19 हाथी पसान रेंज के, सेमरहा परिसर में 29 हाथी,केंदई परिक्षेत्र क्षेत्र के कोरबी परिसर के ओडार गहरा में विचरण कर रहा हैं। 7 नवंबर की रात को एक हाथी वन परिक्षेत्र केंदई के सखोदा परिसर से हसदेव नदी को पार करते हुए सूरजपुर वन मंडल के रामेश्वर नगर परिसर में चला गया हैं।
एक लोनर हाथी जो की ओडार बहरा में विचरण कर रहा हैं, जिसे स्थानीय लोग प्यार से खेसारी लाल तथा कबराकान भी पुकारते हैं ,,,विगत दो-तीन दिनों से लंगड़ा कर चल रहा था । जिसकी सूचना स्थानीय स्टाफ द्बारा तत्काल वरिष्ठ कार्यालय को दी गई।वरिष्ठ कार्यालय से डॉक्टर चंदन जो कि विगत 20 वर्षों से वन्य जीवों का उपचार कर रहे हैं,उनको तत्काल हाथी के इलाज के लिए भेजा गया ।डॉक्टर के पहुंचने के बाद तत्काल वन विभाग की टीम हाथी को ट्रैक करने में जुट गए एवं ड्रोन की मदद से हाथी को ट्रैक किया गया।लोनर हाथी को देखकर डॉक्टर चंदन ने बताया कि हाथियों के आपसी द्बंद्ब की वजह से हाथी के दाहिने वाले अगले पैर में सूजन आ गया हैं,,, जिससे चलने में लंगड़ाहट हो रही हैं। इसके पश्चात डॉक्टर चंदन एवं स्थानीय स्टाफ ने गुड में मिलाकर दवाई हाथी को खिलाया, इसके कुछ समय बाद हाथी के चाल में सुधार आ गया ।इस दौरान वन मंडल अधिकारी कुमार निशांत,उपवन मंडल अधिकारी संजय त्रिपाठी उपस्थित थे। समय-समय पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी सुधीर अग्रवाल घटनाक्रम का जायजा लेते रहे । इस कार्यवाही में वनरक्षक अशोक श्रीवास एवं वनरक्षक के नागेंद्र भूषण जायसवाल एवं स्थानीय स्टाफ ने भूमिका निभाई।

दो वर्ष पहले भी यह हाथी हुआ था घायल
बता दे कि लोनर टस्कर हाथी खेसारी लाल कबरा कान 2 वर्ष पूर्व में भी घायल हुआ था,जिसका उपचार स्थानीय स्टाफ ने पशु चिकित्सक से मदद से किया था।उपचार के बाद स्वस्थ होकर अपने दल में मिल गया था।

